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आज ही इस भागदौड़ भरी जिन्दगी और अस्त-व्यस्त जीवनशैली के चलते इंसान अपनी सेहत को लेकर जरा भी फिक्रमंद नहीं है। वह अपने कार्यो में इस तरह लिप्त हो गया है वह छोटी-मोटी बीमारियों को नज़रअंदाज़ कर देता है। नतीजन इंसान बीमारियों से ग्रस्त हो जाता है। इंसान को अपनी सूद तब आती है जब बीमारी विकराल रूप धारण कर लेती है। इन बीमारियों के चलते इंसान सुकून भरी जिन्दगी जीना भूल जाता है और हर वक्त परेशानी में घिरा रहता है। उसके लिये जिन्दगी एक बोझ सी लगने लगती है। बीमारी कोई सी भी हो देती तकलीफ ही है। उन्हीं बीमारियों में से एक है कंधे में दर्द (शोल्डर पेन)। गठिया, किसी दुर्घटना होने या मांसपेशियों के फटने की वजह से कंधे का इलाज किया जाता है व स्थिति ज्यादा गंभीर होने पर सर्जरी की आवश्यकता भी पड़ सकती है।

शुरूआत में कंधे की समस्या में हल्का दर्द होने लगता है। मांसपेशियों के फटने के कारण हाथ ठीक तरह से उठ नहीं पाना, धीरे-धीरे मूवमेंट का कम होना, कंधे का बार-बार उतरना जैसी समस्यायें भी खड़ी हो जाती है। इस स्थिति में तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क कर सलाह लें। क्योंकि डॉक्टरी मदद मिलने पर कूल्हे, कंधे व घुटने को पूरी तरह से प्रत्यारोपित किया जा सकता है।

कंधे का दर्द

बिना कारण पता लगाए कंधे के दर्द की वजह नहीं बतायी जा सकती है। किसी कारणवश दुर्घटना होने पर फ्रेक्चर हो जाता है। ऐसी परिस्थिति में सही से देखभाल या इलाज न मिल पाना या फिर सही तरीके से एक्सरसाइज न किये जाने पर भी दर्द के अतिरिक्त जकड़न की समस्या हो सकती है।

फ्रोजन शोल्डर

लगभग 45 वर्ष की आयु के आसपास इस बीमारी की आशंका ज्यादा होती है। विशेषज्ञों के अनुसार मधुमेह से ग्रस्त रोगियों व महिलाओं में इस तरह की समस्या अधिक देखने को मिलती हैं। रोजमर्रा के कामों को करने में मूवमेंट न होने की वजह से इसमें काफी दिक्कतें आती हैं। इस समस्या से राहत पाने के लिए तुरंत फिजियोथैरेपी की सहायता लेना बेहतर होता है। यदि स्थिति ज्यादा गंभीर है तो इंजेक्शन द्वारा भी इलाज किया जा सकता है।

रोटेटर कफ टियर

मांसपेशियां फटने की वजह उम्र बढऩे के साथ भारी भरकम वजन उठाने से भी हो सकती है। ऐसे में रोगी को कंधे में दर्द व हाथ उठाने में भी काफी परेशानी होती है। यहां तक कि रोगी को इस दर्द के कारण रात भर नींद नहीं आती है। इसके समाधान के लिए ऑर्थोस्कोपी रोटेटर कफ रिपेयरिंग सर्जरी की आवश्यकता होती है।

रिकरेंट डिसलोकेशन शोल्डर

कई मामलों में अक्सर किसी गतिविधि के कारण या चोट लगने की स्थिति में कंधे की बॉल अपनी जगह से खिसक जाती है। यह समस्या कई मरीज़ों में बार-बार भी होने लगती है। ऐसे में दूरबीन के माध्यम से ऑर्थोस्कोपी बैंकार्ट रिपेयर सर्जरी की जाती है जिस दौरान मरीज़ के कंधे पर मात्र तीन टांके आते हैं।

कंधा प्रत्यारोपण

जैसे-जैसे इंसान की आयु बढ़ती है वैसे वैसे उसमें आर्थराइटिस, किसी पुरानी दुर्घटना, कंधे की बॉल में खून की कमी से कंधे का जोड़ क्षतिगस्त होने की समस्याऐं बढ़ने लगती है जिससे मरीज़ को दिनभर के कामों को करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए जोड़ प्रत्यारोपण बेहतर विकल्प माना जाता है।

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