यह रोग भी सुजाक की तरह अत्यन्त भयानक रोगों में से एक है। यह भी बाजारू औरतों के संसर्ग से होता है। इस रोग में सम्भोग के कुछ दिन बाद इन्द्री पर एक मसूर के दाने की तरह फुन्सी होती है जो जल्दी ही फैलकर जख्म बन जाता है। आतशक ो प्रकार का होता है। एक का प्रभाव इन्द्री पर होता है तथा दूसरे का प्रभाव रक्त पर होता है। शरीर के किसी भी भाग पर फूट निकलता है। इसका