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अधिक तनाव, अप्रत्याशित दुर्घटनाऐं और सामाजिक दबाव के चलते मानसिक बीमारियों में वृद्धि हुई है। लोगों को ऐसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी। उनमें से ही एक ऐसी बीमारी है एग्रोफोबिया। एग्रोफोबिया (डमदजंस कपेवतकमत ।हवतंचीवइपं) एक प्रकार का मनोविकार है। इससे ग्रस्त व्यक्ति को ज्यादा भीड़-भाड़ वाले इलाकों से जाने से डर लगता है। जिस वजह से वह लोगों से दूरियां बनाने लगते हैं। इस डर की वजह से व्यक्ति भीड़-भाड़ वाली जगहों में जाने से बचता है। जिसमें मुख्य रूप से किसी समारोह में सम्मिलित होने से बचना, सिनेमाघर, पार्क व स्टेडियम जैसे जगहों पर न जाना, बाजार में जाने से डरना, किसी समारोह में ना जाना, सामाजिक-पारीवारिक आयोजनों या शॉपिंग पर जाने से भी कतराने लगना आदि हैंं। इस परिस्थिति के चलते व्यक्ति अपने को सामाजिक जीवन से अलग कर लेता है। इस तरह का डर इससे ग्रस्त व्यक्ति के लिए तो कई बार बहुत ज्यादा खतरनाक व जानलेवा भी साबित होता है।

एग्रोफोबिया के लक्षण :

इस तरह की बीमारी में व्यक्ति को घर के बाहर किसी भी भीड़ भरे इलाके में जाने पर घबराहट होने लगती है। और इसका विचार आते ही उसके मन में भय की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उसका शरीर तेजी से कांपने लगता है और पसीना आने लगता है, दिल की धड़कने तेज होने लगती हैं, शरीर गर्म या ठंडा लगने लगता है, सांस लेने में दिक्कत होने लगती है, छाती में दर्द होने लगता है, जी सा मचलाता है, भोजन निकलने में दिक्कत होती है कभी कभी तो व्यक्ति बेहोश भी हो जाता है।

एग्रोफोबिया की वजह :

विशेषज्ञ अब भी एग्रोफोबिया के पीछे का मुख्य कारण क्या है पूरी तरह से सहमत नहीं है। कई बार पारिवारिक समस्याओं के चलते इस तरह समस्या हो सकती है। मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर में परिवर्तन के कारण भी व्यक्ति छोटी-छोटी परिस्थितियों से घबराने लगता है। अनुवांशिकता भी इसकी मुख्य वजह हो सकती है। जिन लोगों में पैनिक डिसआर्डर की समस्या होती है उन लोगों में एग्रोफोबिया की समस्या हो जाती है। यह पुरूषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखा जा सकता है।

एग्रोफोबिया का उपचार :

अक्सर कई मामलों में बहुत से लोग मानसिक बीमारी को पागलपन समझकर छोड़ देते हैं जो कि एक बहुत बड़ी भूल है। विशेषज्ञों के अनुसार हर तरह की मानसिक बीमारी की ही तरह एग्रोफोबिया (डमदजंस कपेवतकमत ।हवतंचीवइपं) का भी इलाज संभव है। डॉक्टर इसका उपचार दवाइयों और थेरेपी के जरिये करते हैं या दोनों को एक साथ प्रयोग में लाकर भी कर करते हैं।

थेरेपी के माध्यम से

इसमें व्यक्ति की सोच को बदलने के लिये थेरेपी का प्रयोग किया जाता है। एग्रोफोबिया से ग्रस्त व्यक्ति इस तरह की परिस्थिति होने पर इसका सामना कैसे करे और उससे कैसे बाहर निकले यह बताया जाता है। इसके अतिरिक्त इस रोग में सांसों की स्थिति को पहचानकर श्वास से संबंधित व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।

दवाइयांं के माध्यम से :

एग्रोफोबिया से ग्रस्त व्यक्ति को एंटीडिप्रेशन दवाइयों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसमें खासतौर से इस बात का ध्यान रखा जाता है कि दवाओं का अधिक सेवन न करें। क्योंकि ज्यादा दवाओं का सेवन हानिकारक हो सकता है।

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