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पूरे संसार का चक्र स्त्री और पुरुष पर आधारित होता है। कोई भी बालक अपने बचपन की सीमा लांघकर जब व्यस्क होकर पुरुष कहलाने लगता है तो ही पुरुष की यही इच्छा होती है कि वह सुन्र स्त्री का पति बन सके और उसके साथ अपना गृहस्थ जीवन सुखमय बिताए तथा स्वस्थ व निरोग संतान उत्पन्न करके अपनी वंश बेल को आगे बढ़ाए मगर संसार में चन्द व्यक्ति ही ऐसे भाग्यशाली होते हैं जो इस गृहस्थ सुख का आनन्द उठाने में समर्थ होते हैं अन्यथा अधिकांश व्यक्ति तो बचपन की कुसंगति एवं गलतियों के कारण अपनी जवानी के दिनों में बुढ़ापे को गले लगा लेते हैं तथा जिन्दगी का असली आनन्द लिए बिना ही असमर्थ एवं निढाल हो जाते हैं।

प्रकृति ने पुरुष एवं स्त्री को एक दूसरे का पूरक एवं सहयोगी बनाया है तथा वे एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। जब दोनों मिलकर एक होते हैं तथा दोनों ही अपने जीवन का वास्तविक आनन्द उठाते हैं तभी उनका जीवन सफल कहलाता है। स्त्री पुरुष के जीवन को सफल बनाने के लिए सैक्स का बहुत योगदान है। यदि पति पत्नी का वैवाहिक जीवन पूरी तरह से सन्तुष्ट रहता है तो वे दोनों मानसिक व शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ एवं निराश रह सकते हैं। अन्यथा उनके बीच रोग, रोग कष्ट, कलह की दीवार खड़ी हो जाती है जो धीरे धीरे पति पत्नी के मधुर एवं पवित्र रिश्तों की नींव हिला देती है तथा अन्त में कई तरह के भयानक परिणाम सामने आते हैं। इन सभी बातों का कारण कई बार सैक्स अंगों के प्रति अज्ञानता होती है क्योंकि यह तो आपको मालूम ही है कि जब भी बच्चों को सैक्स के प्रति कुछ जानने की जिज्ञासा होती है अधिकांश मां बाप इस विषय को झूठ मूठ बातों से बच्चों को टाल देते हैं लेकिन बच्चों के मन में इस विषय को जानने के लिए उत्सुकता ही बनी रहती है तथा वे अपने से बड़े बच्चों एवं गली मौहल्ले के बुरी संगत वाले मित्रों आदि से सैक्स का बेतुका ज्ञान प्राप्त करके अपना कोमल मन मस्तिष्क गन्दा करके अपने जीवन को बर्बाद कर लेते हैं। ध्यान रहे, सैक्स के प्रति बच्चों को सही ज्ञान देने से इतना नुकसान नहीं होता है जितना कि इस विषय को छिपाने से होता है इसलिए मां बाप को चाहिए कि वे बच्चों के व्यस्क होने पर उन्हें इस बात के बारे में अच्छी तरह से समझाएं ताकि वे गलत रास्ते पर भटक कर अपने जीवन के साथ खिलवाड़ न कर सकें जिससे उनका जीवन हमेशा के लिए सुखमय बन सके।

यह वेबसाइट उन भटके हुए नवयुवकों के लिए लिखी गई है जो सैक्स की अज्ञानता के कारण गलत संगत एवं गलतियों के कारण स्वयं अपने ही हाथों अपने जीवन को बर्बादी के रास्ते पर डाल चुके हैं तथा सही दिशा की तलाश में नीम हकीमों एव राजा महाराजाओं वाले चकाचैंध विज्ञापनों के चुंगल में फंसकर अपने जीवन को दुखदायी बना चुके हैं। संसार में सभी व्यक्ति एवं चिकित्सक एक जैसे नहीं होते। हमारा भी यह पुस्तक लिखने का एक मात्र यही उद्देश्य है कि आप अपने सैक्स रोग एवं कमजोरी दूर करने के लिए सही चिकित्सा द्वारा अपने शरीर को स्वस्थ एवं निरोग बनाकर अपने भविष्य एवं विवाहित जीवन को मधुर एवं आनन्दमयी बना सकें

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