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सम्भोग के समय तुरंत वीर्य का निकल जाना शीघ्रपतन कहलाता है। अत्यधिक स्त्री-प्रसंग, हस्तमैथुन, स्वप्नदोष, प्रमेह इत्यादि कारणों से ही यह रोग होता है। सहवास में लगभग 10-20 मिनट का समय लगता है लेकिन 3-4 मिनट से पहले ही बिना स्त्री को सन्तुष्ट किए अगर स्खलन हो जाए तो इसे शीघ्रपतन का रोग समझना चाहिए। जब यह रोग अधिकता पर होता है तो स्त्री से संभोग करने से पहले ही सम्भोग का ख्याल करने पर या कपड़े की रगड़ से ही चिपचिपी लार के रूप में वीर्यपात हो जाता है। यदि थोड़ी सी उत्तेजना आती भी है तो इन्द्री प्रवेश करते ही स्खलन हो जाता है। उस समय पुरूष को कितनी शर्मिन्दगी उठानी पड़ती है तथा स्त्री से आंख मिलाने का भी साहस नहीं रहता। स्त्री शर्म व संकोच के कारण अपने पति की इस कमजोरी को किसी के सामने नहीं कहती लेकिन अन्दर ही अन्दर ऐसे कमजोर पति से घृणा करने लगती है जिस कारण उसका विवाहित जीवन दुखमय बन जाता है। मर्द की कमजोरी और शीघ्रपतन की बीमारी से औरत भी बीमार हो सकती है। ऐसे रोग का समय रहते उचित इलाज अवश्य करना लेना चाहिए ताकि रहा सहा जोश एवं स्वास्थ्य भी समाप्त न हो जाए। हमारे पास ऐसी शिकायतें दूर करने के लिए ऐसे शक्तिशाली नुस्खों वाला इलाज है जिसके सेवन से जीवन का वास्तविक आनन्द मिलता है। सम्भोग का समय बढ़ जाता है शरीर हस्टपुष्ट तथा शक्ति सम्पन्न हो जाता है। स्त्री को पूर्ण रूप से सन्तुष्टि होकर सम्भोग की चर्मसीमा प्राप्त होती है। विवाहित जीवन का वास्तविक आनन्द प्राप्त होकर उनका जीवन सुखमय बन जाता है।

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