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आज कल की भागदौड़ भरी जिन्दगी में आदमी अपनी सेहत का ख़याल बहुत ही मुश्किल से रख पाता है और इस वजह से कभी कभी गंभीर रोग अच्छे खासे शरीर को अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं। हम बात कर रहे हैं नपुंसकता जैसी गंभीर बीमारी की जिसके चलते पुरूष यौन इच्छा को सही तरीके से अंजाम नहीं दे पाते हैं। यौन संबंध मात्र एक क्रिया ही नहीं है बल्कि यह एक ऐसी जटिल प्रक्रिया से संचालित होती है जिसका अंदाजा लगाना सरल नहीं है। प्राइवेट पार्ट में भरपूर तनाव न आने या पर्याप्त तनाव आने के बाद भी सही तरीके से संभोग न करने की स्थिति को भी नपुंसकता कहा जा सकता है। आजकल नपुंसकता या इम्पोटेंसी की बजाय इरेक्टाइल डिसफंक्शन (सही तनाव का अभाव) कहा जाता है।

वैसे कहा जाये तो पुरुषों में नपुंसकता या नामर्दी की समस्या होना काफी आम बात हो गई है। दुनिया भर में लाखों लोग नपुंसकता या नामर्दी से जूझ रहे हैं। यह समस्या कई बार स्थायी नहीं होती है वहीं कुछ लोगों को इसका सामना छोटे वक़्त के लिए भी करना पड़ सकता है। नपुंसकता ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए एक सामान्य समस्या है। हालांकि इसकी चपेट में कभी-कभी युवा भी आ जाते हैं। विस्तार से कहा जाये तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन एक ऐसी समस्या है जिसमें लिंग संभोग के लिए पर्याप्त उत्तेजित नहीं हो पाता। ऐसा कई कारणों से हो सकता है। कभी कभार तो किसी दवा के दुष्प्रभाव से भी ऐसा हो सकता है। इसे स्तंभन दोष के नाम से भी जाना जाता है।

शारीरिक संबंध बनाते समय किसी भी तरह की समस्याए आए तो रिश्तों में बिखराव आ सकता है। नपुंसकता भी एक ऐसी ही समस्या हैं। पुरुषों के लिये नपुंसकता (नामर्दी) का होना एक तनाव में डाल देने वाली स्थिति होती है। इसके अलावा कई तरह की बीमारियों जैसे वस्क्यूलर, न्यूरोलॉजिकल बीमारियों, मधुमेह या प्रोस्टेट संबंधी उपचार या सर्जरी से यह समस्या पैदा हो सकती है। तकरीबन 75 प्रतिशत मर्दो में यह जटिल कारणों से होता है।

नपुंसकता क्या है

नपुंसकता के तथ्य को समझना हमारे लिए बहुत ही जरूरी होता हैं कि नपुंसकता है क्या और ये किस कारण से होती है। नपुंसकता पुरुष के लिंग में उत्तेजना न आना या कम आना या फिर उतेजना जल्दी आना और जल्दी स्खलित हो जाना नपुंसकता कहलाता है। ऐसे रोगी सामाजिक डर से इस सत्य को उजागर करने से कतराते हैं और अन्दर ही अन्दर घुटने लगते हैं। नपुंसकता की समस्या आधुनिक युग में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसका अर्थ है व्यक्ति सामान्य यौन सम्बन्ध नहीं बना पाना, अगर बनाता भी है तो इतने अल्प समय के लिए की वह सम्भोग सम्पन्न नहीं कर सकता। समय से पहले स्खलन या स्खलन में असमर्थता भी इसके लक्षण है। ऐसे पुरुष संतान उत्पति करने लायक नहीं होते है।

नशे की लत

हम सभी जानते हैं कि नशे की लत हमारे स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक है। जी हां, पुरूषों में नामर्दी का मुख्य कारण नशा ही है। जिससे व्यक्ति का सेक्स जीवन बुरी तरह से प्रभावित होता है। जो मुख्य रूप से हैं जैसे-शराब का सेवन, धूम्रपान, ड्रग्स, नशीली दवाओं का सेवन इत्यादि होता है।

हृदय रोग

बदलती जीवन शैली भी हृदय रोग की मुख्य वजह है जिस कारण इरेक्टाइल डिसफंक्शन (नपुंसकता) की समस्या हो सकती है।

मधुमेह व उच्च रक्तचाप

गलत खान पान व अस्त व्यस्त जीवनशैली के चलते उच्च रक्तचाप व मधुमेह की बीमारी लोगों में होना आम है। यह बहुत पुरानी बीमारियां हैं और इनसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या हो सकती हैं।

बढ़ता वज़न एव तनाव

आज के इस दौरा में हर कोई उन्नति करना चाहता है जिसकी वजह से वह इतना व्यस्त हो गया है कि अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान नहीं रख पाता है जिस कारण उनके वज़न में बढ़ोत्तरी होने लगती है। मोटापे की चिंता और काम का बोझ इंसान को तनाव के घेरे में ले लेता है जिसका सीधा असर पुरूष की स्तंभन शक्ति पर पड़ता है।

उत्तेजना की कमी

जब लिंग में खून का प्रवाह सुचारू रूप से नहीं हो पाता है तो लिंग में उत्तेजना की कमी आ जाती है जिस कारण जब व्यक्ति सेक्स कर रहा होता है और रक्त प्रवाह लिंग में खत्म हो जाता है। और इस तरह पुरूष अपने पार्टनर के सामने शर्मिन्दा हो जाता है।

अनेक प्रकार के रोग

किये गये सर्वे के अनुसार पुरुषों में नपुंसकता वजह अनेक प्रकार के रोग भी हो सकते है। अन्तः-स्त्रावी ग्रन्थि से हार्मोन स्त्राव में बदलाव के कारण नपुंसकता हो सकती है। शरीर के स्वस्थ्य रखने, सामान्य प्रक्रियाओं और वीर्य एवं शुक्राणु की सामान्य संरचना और उनकी कार्यक्षमता के लिए अनेक प्रकार के हार्मोन का योगदान होता है। पिट्यूटरी, थायराइड, एड्रिनल ग्रन्थि के हार्मोन स्त्राव में असंतुलन व मधुमेह रोगीयों, पुरुषत्व हार्मोन ( टेस्टस्टेरान ) के कम स्त्राव के कारण नपुंसकता हो सकती है।

वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या

वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या तक़रीबन 10 से 20 करोड़ प्रति मिली. होती है। शुक्राणु की वीर्य में विशिष्ट चाल होती है। यदि वीर्य की संख्या सामान्य नहीं है तो भी नपुंसकता आ सकती है।

नर्वस सिस्टम

नपुंसकता की अहम वजह नर्वस सिस्टम में आई किसी कमी के चलते भी हो सकती है। जैसे कि न्यूरॉलजी से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।

मानसिक विचार

शोध के मुताबिक 80 फीसदी मामले में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह शारीरिक होती है, बाकी 20 फीसदी मानसिक कारण जिम्मेदार होते हैं। कई बार ऐसा देखा गया है कि सेक्स को लेकर हमारे मन में कई तरह की गलत धारणाएं होती हैं। मन में ऐसी शंकाएं भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की वजह भी बनती हैं।

अन्य कारण

आज के जीवन शैली का असर यह होता है की शरीर में फ्री रेडिकल का उत्पाद बहुत तेजी से होता है। यदि इनकी मात्रा शरीर में या शुक्राणुओं में बढ़ जाती है तो शुक्राणु क्षतिग्रस्त होने से नपुंसकता आ सकती है।

निःसंतान

जब भी किसी के घर संतान नहीं होती है, तो संतान न पैदान करने का दोष सबसे पहले पत्नी को ठहराया जाता है। और उन्हें बांझ कहकर ताने दिये जाते हैं। अक्सर कई मामलों में पुरूष नपुंसकता के कारण बच्चा पैदा करने में सक्षम नहीं होते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि समाज के सामने शर्मिन्दा न होने पड़े उचित जांच व इलाज से वंचित रह जाते हैं। परिणाम औरतों को भुगतना पड़ता है। जबकि सर्वे के मुताबिक पिछले एक दशक में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में नपुंसकता के मामले ज्यादा देखने को मिले हैं।

नपुंसकता से ग्रसित ज्यादातर पुरुष डॉक्टर से इसके बारे में बात करने से शर्माते है। जिस कारण परिस्थिति और जटिल हो जाती हैं इसलिए यदि आप नपुंसकता के शिकार हैं तो सबसे पहले डॉक्टर से इस समस्या के बारे में खुलकर बात करें और उचित जांच व इलाज कराएं।

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