
- सुबह सवेरे उठकर प्रतिदिन सैर करें यदि हो सके तो कुछ व्यायाम करें। भोजन हल्का, सन्तुलित व जल्दी ही हज़्ाम होने वाला करें। रात्रि को भोजन सोने से 2-3 घंटें पहले ही कर लें। कब्ज़ न रहने दे।
- हस्तमैथुन न करे, गन्दे उपन्यास तथा अश्लील साहित्य न पढ़े मन के विचार शुु(अच्छा साहित्य पढ़े जब भी मन में बुरे विचार आयें तो अपने प्रभु को याद करें।
- सोने से पहले मूत्र त्याग अवश्य कर लें तथा रात में जब भी नींद खुले तो पेशाब कर लें, सुबह शौच समय पर जायें। अपनी गुप्तेन्द्री की सफाई हर रोज नहाते समय करें। अन्यथा मैल जम कर खुजली उत्पन्न करेगी।
- वेश्याओं के संपर्क से हमेशा दूर रहें उनका सम्पर्क ही अनेक रोगों का मूल कारण है। एड्स जैसी प्राण घातक बीमारी भी हो सकती है तथा तन,मन धन तीनों का ही नाश होता है।
- मासिक समय में स्त्री से संम्भोग कदापि न करें इससे कई तरह की बीमारियाँ हो जाती है। अधिक सम्भोग न करे। दिन प्रतिदिन के सम्भोग से न तो स्त्री को संतुष्टि होती है तथा न ही पुरूष में शक्ति रहती है। याद रखें, स्त्रिया अधिक संम्भोग से प्रसन्न नही रहती जब भी सम्भोग करें जी भर के करे ताकि स्त्री को परम संतुष्टि प्राप्त हो।
- कभी-कभी शरीर में तेल की मालिश करें। मालिश करने से शरीर सुगठित होगा कमजोेरी सुस्ती दूर होगी तथा चेहरे पर चमक आयेगी रात्रि को अधिक कपड़े पहन कर नहीं सोना चाहिए।
- विवाह से पहले शारीरिक निरीक्षण किसी अनुभवी व योग्य चिकित्सक से अवश्य करा लेना चाहिए क्यांेकि थोड़ी सी कमी आपके पूरे विवाहित जीवन में दरार डाल सकती है।
- किसी रोग का संक्रमण होते ही तुरन्त अपना इलाज कराना चाहिए क्योंकि समय पर इलाज न होने पर रोग के अधिक बढ़ जाने का डर रहता है फिर रोग को पूरी तरह दूर करने के लिए अधिक कठिनाई उठानी पड़ सकती है।
- बाद एक पश्चात् एक ठीक निश्चित अन्तराल पर भोग विलास करना गृहस्थ जीवन का ब्रह्मचार्य है। सम्भोग का उत्तम समय रात्रि 12 बजे से 4 बजे तक है। सम्भोग से पहले किसी प्रकार का नशा न करें।
- प्रत्येक व्यक्ति में एक अमृतकुण्ड है जो इन्द्री द्वारा टपक-टपक कर बह जाता है। इन्द्री के ऊपर नियन्त्रण रखकर इस अमृतकुण्ड की रक्षा की जा सकती है।
bablu
December 26, 2016 - 20 : 46 : 38sexologists problem
Reply