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आजकल लोगों में थायराइड की समस्या अब आम होने लगी है। थायराइड हमारे गले में पाई जाने वाली ग्रंथि है जो गले में बिल्कुल सामने की ओर होती है। जिसके बढ़ जाने से ये समस्या होती है। थायराइड का काम है की वो आयोडीन का उपयोग करके जरूरी थायराइड हार्मोन बनाये और हमारे शरीर के सारे हिस्सों में पहुचाये लेकिन जब यह जरूरत से ज्यादा हार्मोन बनाने लगे तभी यह समस्या उत्पन्न होती है। ये बीमारी पुरुषों के मुकाबले ज्यादातर महिलाओं में होती है। समय के साथ यह रोग महिलाओं में अधिक बढ जा़ता है। बहुत सी महिलाओं को यह ज्ञात ही नहीं होता है कि वो थायराइड का शिकार हो चुकी हैं क्योकि उन्हें इसके लक्षण समझ में ही नहीं आते हैं। इसके अलावा थायराइड ग्रंथि के बढ़ जाने से यह आपके हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल को भी प्रभावित करती है। थायराइड किसी भी उम्र के लोगो में हो सकता है।

जानें थायराइड के प्रकार –

1. हाइपो-थायरोइडिस्म

हाइपो-थायरोइडिस्म थायराइड में व्यक्ति के अंदर थायरोक्सिन हॉर्मोन की कमी होने लगती है।

2. हाइपर-थायरोइडिस्म

हाइपर-थायरोइडिस्म में शरीर में थायरोक्सिन हॉर्मोन तेजी से बढ़ने लगती है।

ये हैं थायराइड के लक्षण –

हाइपरथायरायडिज्म में वजन का कम होना, ज्यादा गर्मी बर्दाश्त न करना, अत्यधिक पसीना आना, हाथों का कांपना, नींद न आना, दिल तेजी से धड़कना, प्यास लगना, कमजोरी, अधिक चिंता शामिल हैं। हाइपोथायरायडिज्म में शरीर में थकान व सुस्तीपन, रूखी त्वचा, कब्ज, धीमी हृदय गति, ठंड लगना, बालों में रूखापन, अनियमित मासिकचक्र और इन्फर्टिलिटी के लक्षण दिखाई देते हैं।

थायराइड के कारण –

  • अगर आप बात बात पर दवा खाते है तो आपको ये गंभीर समस्या हो सकती है।
  • भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल भी थायराइड की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
  • अगर आप लगातार किसी समस्या से परेशान है और दिनभर टेंशन और तनाव में रहते है। तो इसका सबसे ज्यादा असर थायराइड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव को बढ़ा देती है।
  • यदि आप किसी रोग को लेकर बार-बार एक्सरे, अल्ट्रासाउंड आदि करवाते हैं तो इससे भी थायराइड ग्रंथि बढ़ जाने का खतरा अधिक रहता है।
  • पिट्यूटरी ग्रंथि भी मुख्य कारण होती है क्योंकि थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत नहीं दे पाती है।
  • अगर परिवार में किसी को भी थायराइड की समस्या है तो उसे भी यह रोग लगने की संभाव रहती है।
  • इसोफ्लावोन गहन सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यायदा प्रयोग भी थायराइड होने के कारण हो सकते है।
  • प्रिगनेंसी के दौरान महिलाओं में थायराइड ग्रंथि में वृद्धि हो लगती है क्योंकि इस दौरान महिला के शरीर में तेजी से बदलाव होता है। इसीलिए मासिक धर्म भी थायराइड का कारण है।

थायराइड से कैसे बचें –

  1. प्रातः योगा करने से भी थायराइड की समस्या से काफी हद तक निजात पाई जा सकती है योगा शरीर को हमेशा किसी ना किसी रूप में फायदा ही पहुँचाता हैं।
  2. स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए फाइबर से समृद्ध और कम वसा वाले आहार लें.
  3. थायराइड सर्जरी के माध्यम से ही पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। लेकिन परहेज से इसे बढ़ने से भी रोका जा सकता है।
  4. धूम्रपान न करके भी थायराइड की समस्या से बचा जा सकता है।
  5. तनाव से थायराइड विकारों को बढ़ने का मौका मिलता है, इसलिए तनाव से बचने की कोशिश करें।

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