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शर्म संकोच छोड़ें झिचके नहीं संपर्क करें .

मैंने अपने अनुभव के द्वारा अधिकतर नवयुवकों को अज्ञानता के कारण गलत मार्ग पर निराशा के अंधकार में भटकते हुए देखा है क्योंकि यौन विषय तथा इसकी अच्छाई बुराई न तो कोई माता-पिता अपनी संतान को बताते हैं और न ही हमारे देश में अभी इस शिक्षा का प्रचार किया जाता है जिस कारण अधिकतर नवयुवक सही दिशा से भटक जाते हैं तथा कई प्रकार की यौन संबंधी स्वप्नदोष, प्रेमह, शीघ्रपतन, नपुंसकता आदि कमजोरियों के शिकार हो जाते हैं। इन रोगों से पीडि़त रोगों को घबराना नहीं चाहिए जिस प्रकार बुखार, खांसी जुकाम आदि का इलाज कराने से रोग में आराम आ जाता है उसी प्रकार अच्छी चिकित्सा से सभी यौन रोगों की शिकायत दूर होकर मनुष्य को नया स्वास्थ्य प्राप्त हो जाता है।

एक सच्चे चिकित्सक के नाते नवयुवकों एवं पुरुषों के मन में बैठी हुई गलत धारणाओं को निकालकर उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाने में सहयोग देना ही हमारा उद्देश्य है। हमारा हाशमी दवाखाना सन! 1929 से अपनी वैज्ञानिक सलाह एवं सफल इलाज द्वारा अधिक से अधिक रोगियों को निरोगी बना रहा है यही हमारी अभिलाषा है ।

मैंने यह वेबसाइट उन्हीं भटके हुए नौजवानों के लिए बनाई है ताकि वे इसे पढ़के अपनी असली शक्ति को पहचाने, अपने मन में बैठी हुई हीन भावना को दूर करके अपना स्वास्थ्य ठीक कर सके जिससे वे भी अपने जीवन को सुखी एवं आनन्दमय बना सके।

सही परामर्श व इलाज, मार्गदर्शन से सभी सेक्स संबंधी समस्याओं का इलाज किया जाता है अपने सभी सेक्स संबंधी रोगों से छुटकारा पाने के लिए मिलें या आज ही फोन कर अपने दिल की बात हकीम साहब को बता दें

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विश्व में अपनी तरह का एक मात्र सर्वाधिक विश्वसनीय हाशमी दवाखाना

अपनी सभी सेक्स सम्बन्धी समस्याओं के बारे में जानकारी प्राप्त करें, जैसे शीघ्रपतन, योन असमर्थता संतानहीनता आदि .

विवाह से पहले .

विवाह से पहले शारीरिक निरिक्षण किसी अनुभवी व योग्य चिकित्सक से अवश्य करा लेना चाहिए क्योंकि थोड़ी सी कमी आपके पूरे विवाहित जीवन को बर्बाद कर सकती है

सैक्स समस्याएं

गुप्त रोग यौनअसमर्थता नपुंसकता शुक्राणुओं की कमी (OLIGOSPERMIA) मर्दाना ताकत प्राप्त करने के लिए हमारे हकीम साहब से बात करें और सुनिश्चित संतुष्टि प्राप्त करें

सुखी जीवन के लिए

किसी रोग का संक्रमण होते ही तुरंत अपना इलाज करना चाहिए क्योंकि समय पर इलाज न होने पर रोग के अधिक बढ़ जाने का डर रहता है फिर रोग को पूरी तरह दूर करने के लिए अधिक कठिनाई उठानी पढ़ सकती है

बचपन की गलतियाँ, युवा उम्र की हत्या।.

ईश्वर ने सुंदर स्त्री के द्वारा जीवन को खुशहाल बनाने के लिए इस धरती पर पुरुषों को भेजा है. मनुष्य हर दिन मेहनत करता है और विभिन्न समस्याओं का सामना करता है, सेक्स अगली सुबह काम शुरू करने के लिए आराम और खुशी प्रदान करना है. मर्दाना कमज़ोरी के कारण घर नरक बन जाता है। हमें अनेक फोन कॉल और ईमेल प्राप्त होते हैं रोजाना जिसमें पुरुष यौन समस्याओं के कारण अपना विवाहित जीवन समाप्त हो जाता है स्कूल में सिखाते हैं कि नाखून दांत से काटने से पेट में हानिकारक तत्व घुस जाते हैं जो बीमारी का कारण बनते हैं।" लेकिन कोई भी यह नहीं सिखाता कि बचपन की गलतियां गलत संगत के करण अपने आमूल्ये रत्न वीर्य को नष्ट कर देते हैं जिससे कुछ रोगी मानसिक कमज़ोरी एवं पुरूषहीनता महसूस करते हैं जिसके कारण सबकुछ खाने पीने के बाद भी स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता आत्मविश्वास कम हो जाता है जिस कारण स्त्री को संतुष्ट करने की क्षमता दिन प्रतिदिन कम होती जाती है “बुरी सोच मानसिक और शारीरिक रूप से प्रभावित करती है और स्खलन के लिए हाथों का उपयोग यौन अंगों को बहुत प्रभावित करता है. यौन अंग जो किसी के जीवन में अधिकतम खुशी देता है, वह अच्छी तरह से काम नहीं करता है जिससे पुरुष जीवन में सेक्स की खुशी को प्राप्त करने में नाकाम रहता है..

हमारे दवाखाने में हकीम साहब पुरुष और महिला सेक्स सम्बन्धी समस्याओं का निदान करते हैं और उनका इलाज करते हैं। इन सभी समस्याओं के निदान और उपचार के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमारे दवाखाने में आये जहाँ हम आधुनिक मशीनों और कंप्यूटरों का उपयोग करके पुरुष के रोगों का परीक्षण करते हैं।.

1. गुप्त रोगों का इलाज

आज, विश्व में एक तिहाई लोग यौन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे है। और मेरा विश्वास करें, आप भी उनमें से एक हो सकते हैं। मैं हकीम हाशमी हूँ और मैं एक यौन चिकित्सक हूँ। मेरे जीवन का लक्ष्य ऐसे लोगों की मदद करना है, जो स्तंभन दोष(कमजोर लिंग), व शीघ्रपतन जैसी समस्याओं से परेशान हैं।. यदि कोई दंपत्ति गर्भ धारण करने में असमर्थ है, तो इसका कारण पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, हाइपोथैलेमिक अमेनोरिया, प्री मैच्योर ओवरी फैल्योर, प्रोलैक्टिन का अधिक उत्पादन, ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब्स आदि | पुरुष प्रजनन क्षमता का कारण 55 से 57 फीसदी दंपति की गर्भावस्था का कारक पुरुष नपुंसकता, निल शुक्राणु (एजुस्पर्मिया) होता है




3. मर्दाना कमजोरी का इलाज

हमारे 90 साल पुराने नुस्खों व आधुनिक तकनीक की मदद से, हम अब तक लाखों घर बचा चुके हैं। आज ही अपना निशुल्क परामर्श लें और आज ही अपने रिश्ते को बचाए, उसे संवारें।.

2. कामेच्छा वृद्धि

मैंने कई परिवारों को सिर्फ यौन संबंधी परेशानियों के चलते टूटते देखा है। लेकिन आप अपने परिवार को बचा सकते हैं। अगर आपको लगता है कि आप भी किसी तरह की यौन संबंधी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो आज ही हमसे संपर्क करें।












4. लिंग वृद्धि

दुनिया भर में लिंग वृद्धि का इलाज किया जा रहा हैं, लेकिन बहुत कम चिकित्सक ही इन उपचार विधियों का सही तरह से इस्तेमाल कर पाते है हाशमी दवाखाने में आपको पूर्ण रूप से सही सलाह दी जाएगी और प्राकृतिक जड़ीबूटियों के साथ आपका इलाज किया जायेगाा

विवाहित जीवन का पूर्ण आनंद लें
आपके जीवन साथी को जरूरत है जोश, उमंग और वास्तविक प्यार की
समय की कोई कमी नहीं, अब हर बार आप अपने साथी से हाँ कर सकते हैं। आपकी ख़ुशी आपके साथी के लिए महत्वपूर्ण है

विश्व स्तरीय इलाज

प्राकृतिक जड़ी बूटियों द्वारा इलाज

हाशमी दवाखाने में हकीम साहब विश्व स्तरीय उपचार प्रदान करते हैं। व पुरुष और महिला दोनों के लिए प्राकृतिक विधि द्वारा योन समस्या का समाधान करते हैं

मर्दाना कमजोरी

क्या आप निराश और हार चुके हैं? क्या आप बिस्तर पर जाने से पहले घबराते हैं? क्या आपने अपनी पत्नी के साथ संबंध खो दिया है? निराश न हों आज ही संपर्क करें .

पुरुषों में होने वाली समस्याएं

शीघ्रपतन, स्तंभन दोष, कम कामेच्छा, लिंग का छोटापन संतानहीनता, व नपुंसकता का जड़ीबूटियों व कीमती भस्मों से युक्त आधुनिक इलाज .

शास्त्रोक्त-यूनानी नुस्खेः-

सदियों से यूनानी इलाज को हर वर्ग की तरफ से यहाँ तक कि देश विदेश में भी मान्यता मिलती आयी है क्योंकि आज की आधुनिक ऐलोपैथिक चिकित्सा मनुष्य की जिन बीमारियों का इलाज नहीं कर सकती उन्हीं बीमारियों का इलाज यूनानी चिकित्सा में सुलभ है। यूनानी इलाज से जटिल से जटिल शारीरिक व्याधियों का इलाज हो सकता है।हजारों वर्ष पहले ऐलोपैथी इलाज का चलन नहीं था तब मनुष्य के सभी रोगों का इलाज यूनानी पद्धति से ही होता था। जिससे मनुष्य पूरी तरह से आराम पा जाता था। आज के युग में भी वही नुस्खें, जड़ी-बूटियां, खनिजों, द्रव्यों, कुश्तों, सायनों एवं कीमती भस्मों आदि से परिष्कृत वैज्ञानिक पद्धति द्वारा तैयार किये जाते हैं जिनका असर भी काफी तेज व प्रभावशाली होता है।कुछ लोगों ने लालचवश अधिक धन बटोरने के लिए शुद्ध जड़ी बूटियों व द्रव्यों के बदले नकली रंगो व रसायनों का प्रयोग करके अपने इलाज को राजा महाराजा व नवावों वाला इलाज बताकर यूनानी इलाज को बदनाम कर दिया है इसका मतलब तो यही है कि पहले यूनानी इलाज सिर्फ राजा महाराजाओं का ही किया जाता था, साधारण जनता का नहीं। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर हमनें शुद्ध यूनानी तरीके से दुर्लभ असली जड़ी-बूटी, असली द्रव्यों व रसायनों तथा कीमती भस्मों, कुश्तों से इलाज तैयार करके उन निराश रोगियों की सेवा करने का संकल्प लिया है जो कई प्रकार के रोगों से घिरकर अपने जीवन को नरक बना चुके हैं। तथा राजा महाराजा व नवाबों वाले इलाज की सामथ्र्य नहीं रखते। ऐसे रोगी निराश न हों हमसे मिलें या लिखें हम सही रास्ता बताकर भटके हुए तथा निराश हुए रोगियों को स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कराकर उन्हें सही दिशा प्रदान करेंगे।आज के युग में पहले तो असली वस्तु को प्राप्त करना ही कठिन है यदि प्राप्त भी हो गई तो कौन चिकित्सक इतना कठिन परिश्रम या पैसा खर्च करता है लेकिन हमारे पास सिर्फ रोगी का कल्याण है, रोगी का रोग दूर हो तथा वह जीवन भर सुखी रहे ताकि हमें भी यश प्राप्त हो हम इसी उद्देश्य को लेकर उत्तम से उत्तम इलाज तैयार करते हैं। इलाज वही जिससे रोग उम्र भर के लिए कट जाये और रोगी को एकदम स्वस्थ व निरोग बना दे। ऐसे प्रभावशाली इलाज का वर्णन प्राचीन शास्त्रों व ग्रन्थों में है। हमारे इलाज का भी मूल आधार यही ग्रन्थ हैं।

निराशा, कमजोरी का जीवन कोई जीवन नहीं है। भगवान न करे, अगर आपकी शारीरिक बीमारी, प्रारंभिक स्खलन, आकार, नपुंसकता, यौन कमजोरी या कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या आपको पूरी तरह से जीवन का आनंद लेने से रोक रही है तो आपको हाशमी दवखाना में इलाज की आवश्यकता है.

हकीम साहब को रोजाना बहुत सारे मरीजों से कई फोन आते हैं और वह व्यक्तिगत रूप से उनके पास जाते हैं। ये फोन कॉल उन दुखी युवा पुरुषों और महिलाओं द्वारा किए जाते हैं जो अपनी सेक्स समस्याओं को खुलकर दूसरों के साथ साझा करने से कतराते हैं। फोन पर रोगियों की समस्या का विश्लेषण करने के बाद, हकीम साहब उपयुक्त सलाह और उपाय प्रदान करते हैं।.


हकीम साहब, या तो ईमेल द्वारा - info@hashmi.com या फ़ोन पर: - 9058577992 या व्यक्तिगत रूप से. फोन पर भी आपको कीमती सलाह देंगें . यदि आप हकीम साहब की सलाह का पालन करते हैं, तो आप एक नया और जोरदार जीवन जी सकेंगे। किसी भी शारीरिक समस्या के लिए कम से कम एक बार सलाह लें। शारीरिक और पुरानी समस्याओं के विस्तृत विवरण के लिए हमारी वेबसाइट पर जाइए .

कई नवयुवक मानसिक रोगी होते हैं, वास्तव में उन्हें बीमारी नहीं होती है चालाक और बाजारी हकीम इनकी कमजोरी से लाभ उठाकर इनके सन्देह को बढ़ाते हैं और स्वस्थ पुरुष को रोगी बना देते हैं।ऐसे नवयुवक अपनी अज्ञानता के कारण कभी कभी आत्महत्या कर लेते हैं। क्योंकि वे समझते हैं कि उनका जीवन अब व्यर्थ हो गया है वे अपनी पूर्व अवस्था पर नहीं आ सकते। मगर यह उनकी भूल है ऐसे रोगियो को हम बिना दवाई दिये खुराक आदि के बारे में उचित सलाह देकर उनको ठीक कर देते हैं। चिकित्सा सम्बन्धी निःशुल्क परामर्श के लिए मिले या फोन कर परामर्श लें।

लिस्ट में नाम शामिल है जो कि हाशमी दवाखाने के बारे में जानते हैं

रोजाना प्राप्त होने वाली कुछ सफल कहानियों पर एक नजर डालें.

आखिरकार मेरी सेक्स समस्या का समाधान हो गया .

"मुझे अपने कमजोर लिंग नपुंसकता, शीघ्रपतन की समस्या थी मैंने हमेशा सोचा कि यह मेरा वेहम है मगर ऐसा नहीं था मैंने पुरुषों के गुप्त रोग का इलाज करने वाले मनोवैज्ञानिक, चिकित्सक और डॉक्टरों को तलाशा मगर लाभ कहीं से न मिला केवल हकीम हाशमी ने ही मेरी समस्या का इलाज किया

विक्रम देसाई, 34, महाराष्ट्र

मेरे साथी ने कहा 'धन्यवाद''

"अपनी पत्नी के सामने में रोज़ नए बहाने खोजने से थक गया था फिर हाशमी दवाखाने में मैंने हकीम हाशमी से अपना उपचार कराया अब मैं रोज अपनी पत्नी के साथ सोता हूँ और अधिक ताकत महसूस करता हूँ! मेरी पत्नी सोनी कालरा ने कहा, 'धन्यवाद".

बॉब, 29, यूके

अब कोई और बहाना नहीं .

मैं अपने दोस्तों को उनकी गर्ल फ्रेंड के साथ देखता था तो मुझे बोहोत दुःख होता था यह एक ही चिंता का विषय था ' क्योंकि मेरे अंदर आत्मविश्वास की कमी थी , जिसका कारण मेरे लिंग की कमज़ोरी थी हालांकि , हकीम हाशमी ने मुझे बोहोत मदद की मेरे सेक्स पावर को बढ़ने के लिए


मिक्की सिंह, 31, दिल्ली

अब और कोई सेक्स समस्या नहीं है

"मेरे एक अच्छे दोस्त ने मुझे हाशमी दावाखाना के बारे में बताया और क्योंकि मेरी स्थिति दिन पर दिन खराब होती जा रही थी। हकीम हाशमी ने मुझे वह पौरुष शक्ति दी जिसकी मुझे हमेशा से तलाश थी। हकीम हाशमी का इलाज करने के बाद से मेने अपने लिए बहुत ही अच्छा अनुभव महसूस किया

मिंटू पाशा, 39, उदयपुर

मैंने अपने अनुभव के द्वारा अधिकतर नवयुवकों को अज्ञानता के कारण गलत मार्ग पर निराशा के अंधकार में भटकते हुए देखा है क्योंकि यौन विषय तथा इसकी अच्छाई बुराई न तो कोई माता-पिता अपनी संतान को बताते हैं और न ही हमारे देश में अभी इस शिक्षा का प्रचार किया जाता है। जिस कारण अधिकतर नवयुवक सही दिशा से भटक जाते हैं तथा वे कई प्रकार की यौन सम्बंधी बीमारी स्वप्नदोष, प्रमेह, शीघ्रपतन, नपुंसकता आदि कमजोरियों के शिकार हो जाते हैं। इन रोगों से पीड़ित रोगियों को घबराना नहीं चाहिए। जिस प्रकार बुखार, खांसी जुकाम आदि का इलाज कराने से रोग में आराम आ जाता है उसी प्रकार अच्छी चिकित्सा से सभी यौन रोगों की शिकायत दूर होकर मनुष्य को नया स्वास्थ्य प्राप्त हो जाता है।

एक सच्चे चिकित्सक के नाते नवयुवकों एवं पुरुषों के मन में बैठी हुई गलत धारणाओं को निकालकर उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ बनाने में सहयोग देना ही हमारा उद्देश्य है। हाशमी दवाखाना (सन 1929) से अपनी वैज्ञानिक सलाह एवं सफल इलाज से अधिकीधिक रोगियों को निरोगी बनाये यही हमारी अभिलाषा है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

हाशमी दावाखाना, एक पूर्ण और संतोषजनक यौन जीवन।

पुरे संसार का चक्र स्त्री और पुरुष पर आधारित होता है। कोई भी बालक अपने बचपन की सीमा लांघकर जब वयस्क होकर पुरुष कहलाने लगता है तो ही पुरुष की यही इच्छा होती है कि वह सुन्दर स्त्री का पति बन सके और उसके साथ अपना गृहस्थ जीवन सुखमय बिताए तथा स्वस्थ व निरोग संतान उत्पन्न करके अपनी वंश बेल को आगे बढ़ाए मगर संसार में चन्द व्यक्ति ही ऐसे भाग्यशाली होते हैं जो इस गृहस्थ सुख का आनन्द उठाने में समर्थ होते हैं अन्यथा अधिकांश व्यक्ति तो बचपन की कुसंगति एवं गलतियों के कारण अपनी जवानी के दिनों में बुढ़ापे को गले लगा लेते हैं तथा जिन्दगी का असली आनन्द लिए बिना ही असमर्थ एवं निढाल हो जाते हैं।प्रकृति ने पुरुष एवं स्त्री को एक दूसरे का पूरक एवं सहयोगी बनाया है तथा वे एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। जब दोनों मिलकर एक होते हैं तथा दोनों ही अपने जीवन का वास्तविक आनन्द उठाते हैं तभी उनका जीवन सफल कहलाता है। स्त्री पुरुष के जीवन को सफल बनाने के लिए सैक्स का बहुत योगदान है। यदि पति पत्नी का वैवाहिक जीवन पूरी तरह से सन्तुष्ट रहता है तो वे दोनों मानसिक व शारीरिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ एवं खुश रहते हैं। अन्यथा उनके बीच रोग, रोग कष्ट, कलह की दीवार खड़ी हो जाती है जो धीरे-धीरे पति पत्नी के मधुर एवं पवित्र रिश्तों की नींव को हिला देती है तथा अन्त में कई तरह के भयानक परिणाम सामने आते हैं। इन सभी बातों का कारण कई बार सैक्स अंगों के प्रति अज्ञानता होती है क्योंकि यह तो आपको मालूम ही है कि जब भी बच्चों को सैक्स के प्रति कुछ जानने की जिज्ञासा होती है अधिकांश मां बाप इस विषय को झूठ-मूठ बातों से बच्चों को टाल देते हैं लेकिन बच्चों के मन में इस विषय को जानने के लिए उत्सुकता ही बनी रहती है तथा वे अपने से बड़े बच्चों एवं गली मौहल्ले के बुरी संगत वाले मित्रों आदि से सैक्स का बेतुका ज्ञान प्राप्त करके अपना कोमल मन मस्तिष्क गन्दा करके अपने जीवन को बर्बाद कर लेते हैं।ध्यान रहे, सैक्स के प्रति बच्चों को सही ज्ञान देने से इतना नुकसान नहीं होता है जितना कि इस विषय को छिपाने से होता है इसलिए मां बाप को चाहिए कि वे बच्चों के वयस्क होने पर उन्हें इस बात के बारे में अच्छी तरह से समझाएं ताकि वे गलत रास्ते पर भटक कर अपने जीवन के साथ खिलवाड़ न कर सकें जिससे उनका जीवन हमेशा के लिए सुखमय बन सके।

ईश्वर ने पुरूष को शक्तिशाली इंसान बनाकर इस संसार में इसलिए भेजा है कि वह नारी सौन्दर्य के सम्मिश्रण से नई पौध लगाकर कुदरत का सौंपा काम पूरा कर सके। दिन भर में इंसान को जो कष्ट और परेशानियां मिलती हैं वह उन सबको रात की विश्राम बेला में रति सुख के साथ भूलकर हर नई सुबह फिर से ताजा और चुस्त होकर अपना कार्य प्रारम्भ कर सके। उचित परामर्श एवं सलाह लिए बिना शादी परेशानी का कारण बन सकती है। हमारे पास रोज बहुत से पर्सनल लैटर व फोन आते हैं जिनमें बहुत से पुरुष अपनी कमजोरी एवं विवाहित जीवन की परेशानी के कारण आत्महत्या करने का जिक्र करतंे है। लेकिन जो आत्महत्या नहीं करते वे घर से भाग जाते हैं और उनकी पत्नियां लाज शर्म छोड़कर पराए पुरुषों का सहारा लेने पर मजबूर हो जाती हैं। स्कूलों में उन्हें यह बात तो बताई जाती है कि गन्दे नाखूनों को मुंह से नहीं काटना चाहिए क्योंकि गन्दगी नाखूनों के जरिए गन्दी पेट में जाकर बीमारियां पैदा करती है लेकिन यह कोई नहीं समझाता कि गन्दे विचारों से मनुष्य का शारीरिक व मानसिक रूप से कितना बड़ा नुकसान होता है जिसके कितने भयंकर परिणाम निकलते हैं। फलस्वरूप नतीजा यह होता है कि जिस अंग से मनुष्य को सबसे अधिक सुख मिलना निश्चित है उसी अंग को कच्ची अवस्था में तकिए या हाथ की रगड़ से विकृत कर दिया जाता है उसको गलत तरीके द्वारा नष्ट करके अपने जीवन को मझधार में छोड़ दिया जाता है।

जवानी जीने का सबसे सुहावना समय है। कई नौजवान तो सीधे ही बचपन से बुढ़ाने की तरफ चले जाते हैं, उन्हें पता ही नहीं होता कि जवानी की कीमत व जवानी का सच्चा आनन्द क्या है? अधिकतर नवयुवक गलत संगत के कारण अपने शरीर से स्वयं ही खिलवाड़ करते हैं तथा सही रास्ते से भटककर वे यौन सम्बन्धी अनेकों रोगों से घिरकर अपनी सुनहरी जिन्दगी को तबाह कर लेते हैं। आजकल लगभग 75 प्रतिशत नौजवान किसी न किसी रूप से यौन रोगों से पीड़ित हैं तथा अपने जीवन के वास्तविक आनन्द से अंजान हैं। आज के नवयुवक क्षणिक आनन्द के लिए अपने ही हाथों अपनी जिन्दगी खराब करने पर तुले हुए हैं तथा कई प्रकार के घृणित रोगों से घिरकर अपनी जिन्दगी बर्बाद कर लेते हैं। यही शरीर की जान है जिसे व्यक्ति निकालने में आनन्द प्राप्त करता है। इसी वीर्य को अपने शरीर में संग्रह किया जाये तो आप स्वयं ही सोचिए कितना आनन्द प्राप्त होगा। वीर्य नष्ट होने के बाद भटके हुए नवयुवक सही दिशा की आस मे चकाचैंध वाले विज्ञापनों व प्रचार वाली फार्मेसियों एव क्लीनिकों के चक्कर में पड़कर अपना धन समय व स्वास्थ्य गवांकर अपने जीवन से निराश हो जाते हैं। वीर्य किस प्रकार से नष्ट होता है और उससे शरीर को क्या क्या हानि उठानी पड़ती है उसका विवरण आगे दिया जा रहा है उन निराश रोगियों को हम सच्चे हृदय से अपना परामर्श देंगे तथा सही दिशा का ज्ञान कराएंगे।

हाथ से अपने वीर्य को नष्ट करने को हस्थमैथुन कहते हैं, कुछ नवयुवक व किशोर गलत संगत में बैठकर, उत्तेजक फिल्में देखकर या अश्लील पुस्तकें पढ़कर अपने मन को काबू में नहीं रख पाते तथा किसी एकान्त में जाकर सबसे आसान तरीका अपने ही हाथों से अपना वीर्य निकालने को अपनाते हैं उन्हें यह नहीं पता कि वे ऐसा काम करके अपनी जिन्दगी में जहर घोल रहे हैं जिसका परिणाम यह होता है कि इन्द्री निर्बल हो जाती है पतलापन, टेढ़ापन, छोटापन व नीली नसें उभरनी शुरू हो जाती हैं और अन्त में व्यक्ति नपुंसकता की ओर बढ़ जाता है। शरीर में अत्यधिक कमजोरी आ जाती है। हस्तमैथुन के दौरान शरीर के ऊतकों में चोट भी पहुँचती है और यह ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाते है। जिससे लिंग मे उत्तेजना आनी भी बन्द हो जाती है। थोड़ी सी बातचीत करके दिमाग चकरा जाता है तथा चाहकर भी इस क्रिया को छोड़ नहीं पाता। हम अपने सफल इलाज से ऐसे अनगिनत नौजवानों की हस्थमैथुन की आदत छुड़ा चुके हैं जो यह कहते थे कि यह आदत छूटती नहीं है।

सोते समय दिन या रात कोई भी समय हो अपने मन में बुरे व गन्दे विचारों के कारण या स्वप्न में किसी सुन्दरी स्त्री को देखकर या अपनी कुसंगति का ख्याल आते ही अपने आप वीर्य निकल जाता है इसी को स्वप्नदोष कहते हैं। यदि स्वप्नदोष महीने में दो-तीन बार हो तो कोई बात नहीं किन्तु हर रोज़ या सप्ताह में दो तीन बार हो जाये तो यह रोग भी कम भयंकर नहीं है। यूं तो स्वप्नदोष प्रायः सोते हुए इन्द्री में तनाव आने के बाद ही होता है किन्तु यह रोग बढ़ जाने पर इन्द्री में बिना तनाव भी हो जाता है जो कि गंभीर स्थिति है। इस प्रकार वीर्य का नाश होना शरीर को खोखला बना देता है जिसका असर दिमाग पर पड़ता है। याद्दाश्त कमजोर हो जाती है वीर्य पतला हो जाता है। अन्त में नपुंसकता की नौबत आ जाती है हमारे पास ऐसे नुस्खे हैं जिनके सेवन से उपरोक्त सभी विकार नष्ट होकर शरीर को शक्ति सम्पन्न बनाते हैं।.

सम्भोग के समय तुरंत वीर्य का निकल जाना शीघ्रपतन कहलाता है। अत्यधिक स्त्री-प्रसंग, हस्तमैथुन , स्वप्नदोष , प्रमेह इत्यादि कारणों से ही यह रोग होता है। सहवास में लगभग 10-20 मिनट का समय लगता है लेकिन 3-4 मिनट से पहले ही बिना स्त्री को सन्तुष्ट किए अगर स्खलन हो जाए तो इसे शीघ्रपतन का रोग समझना चाहिए। जब यह रोग अधिकता पर होता है तो स्त्री से संभोग करने से पहले ही सम्भोग का ख्याल करने पर या कपड़े की रगड़ से ही चिपचिपी लार के रूप में वीर्यपात हो जाता है। यदि थोड़ी सी उत्तेजना आती भी है तो इन्द्री प्रवेश करते ही स्खलन हो जाता है। उस समय पुरूष को कितनी शर्मिन्दगी उठानी पड़ती है तथा स्त्री से आंख मिलाने का भी साहस नहीं रहता। स्त्री शर्म व संकोच के कारण अपने पति की इस कमजोरी को किसी के सामने नहीं कहती लेकिन अन्दर ही अन्दर ऐसे कमजोर पति से घृणा करने लगती है जिस कारण उसका विवाहित जीवन दुखमय बन जाता है। मर्द की कमजोरी और शीघ्रपतन की बीमारी से औरत भी बीमार हो सकती है। ऐसे रोग का समय रहते उचित इलाज अवश्य करना लेना चाहिए ताकि रहा सहा जोश एवं स्वास्थ्य भी समाप्त न हो जाए। हमारे पास ऐसी शिकायतें दूर करने के लिए ऐसे शक्तिशाली नुस्खों वाला इलाज है जिसके सेवन से जीवन का वास्तविक आनन्द मिलता है। सम्भोग का समय बढ़ जाता है शरीर स्टपुष्ट तथा शक्ति सम्पन्न हो जाता है। स्त्री को पूर्ण रूप से सन्तुष्टि होकर सम्भोग की चरमसीमा प्राप्त होती है। विवाहित जीवन का वास्तविक आनन्द प्राप्त होकर उनका जीवन सुखमय बन जाता हैं।जो स्त्री-पुरूष सुखमय विवाहित जीवन व्यतीत करते हैं। उन्हे हार्टअटेक की सम्भावना काफी मात्रा में कम हो जाती है तथा उन्हें मानिसक तनाव की समस्या भी नहीं रहती।

युवा अवस्था में स्त्री सम्भोग या संतान पैदा करने की अयोग्यता को नपुंसकता कहते हैं। इस दशा में संभोग की कामना होते हुए भी पुरूष की इन्द्री में उत्तेजना नहीं होती इन्द्री बेजान मांस के लोथड़े की तरह गिरी रहती है। उसका आकार भी कम ज्यादा, पतला या टेढ़ा हो सकता है। नसें उभरी प्रतीत होती हैं। कामेच्छा होते हुए भी इन्द्री में तनाव नहीं आता यदि पुरूष के अपने भरसक प्रयत्न से थोड़ी बहुत उत्तेजना इन्द्री में आती भी है तो सम्भोग के समय शीघ्र ही स्खलित हो जाता है। ऐसे पुरूष को न तो स्त्री ही प्यार करती है और न ही संतान पैदा होती है। और उसका जीवन दुखमयी व्यतीत होने लगता है। बहुत सी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।हमारे सफल नुस्खों वाले इलाज से नपुंसकता के सभी विकार ठीक हो जाते हैं तथा रोगी को फिर से पुरुषत्व व सम्भोग क्षमता प्राप्त होकर एक नई शक्ति, स्फूर्ति , उत्साह व स्वास्थ्य प्राप्त हो जाता है।

अब स्त्री और पुरूष के गुह्मा स्थानो के आकार प्रकार पर विचार करेंगे। पुरूष का लिंग लंबाई से और स्त्री की योनि गहराई से नापी जाती है।संभोग का सम्बन्ध मन और काया दोनों से होता है। जहां तक मन के सम्बन्ध का ज्ञान है, इसमें स्त्री और पुरूष का पारस्परिक आकर्षण और परस्पर शरीर मिलने की प्रबल आकांक्षा है। जहां तक काया अर्थात शरीर के सम्बन्ध का प्रश्न है, इसमें पुरूष के शिश्न अर्थात लिंग और स्त्री की योनि के सम्भोग की तीव्र इच्छा है, जिसमें एक या दोनों पक्षों का विशेष विधि से निज जननेन्द्रियों का परस्पर घिसना या रगड़ना, फलस्वरूप पुरूष का वीर्यपात होना, स्त्री को एक विशेष प्रकार के सुख या आनन्द की अनुभूति होना मैथुन कार्य में समय की अधिकता और इस कार्य की विधि ही मुख्य कारण है। लिंग के आकार के अनुसार पुरूष के तीन भेद हैं।1. शश (खरगोश) 2. वृष (बैल) और 3. अश्व (घोड़ा) । यदि पुरूष का शिश्न छोटा है तो वह ‘शश’, यदि मध्यम हो तो ‘वृष’ और यदि बड़ा हो तो ‘अश्व’ कहलाता है। इसी प्रकार स्त्री के तीन भेद होते हैं।1. मृगी (हरिणी), 2. बढ़वा (घोड़ी) और 3. हस्तिनी (हथिनी)। यदि स्त्री की योनि छोटी यानी कम गहरी हो तो वह ‘मृगी’, यदि मध्यम गहरी हो तो ‘बढ़़वा’ और यदि अधिक गहरी हो तो वह ‘हस्तिनी’ कहलाती है।

हमारा लिंग सामान्यता तीन प्रकोष्ठ (चेम्बर) में बंटा होता है। जिनमें दो भाग काॅर्पसकेवेरनोसम (Corpus Cavernosum) एक काॅर्पस स्पोन्जियोसम (Corpus Spongiosum) लिंग के ऊपरी भाग में दो बड़े-बड़े प्रकोष्ठ होते हैं। ये प्रकोष्ठ मिलकर काॅर्पस केवेरनोसम (Corpus Cavernosum) नामक लिंग का इरेक्टाइल टिशु गठन करता है जो कि लिंग उत्थान में सहायता करता है। काॅर्पस स्पोन्जियोसम (Corpus Spongiosum)वीर्य व मूत्र विसर्जन का कार्य करता है। यदि व्यक्ति हस्तमैथुन करता है तो हाथ की रगड़ व दबाब से बड़े प्रकेाष्ठ काॅर्पस केवेरनोसम (Corpus Cavernosum) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जिसके फलस्वरूप लिंग की वृद्धि रूक जाती है। लिंग के टेढेपन के लिए भी यही काॅर्पस केवेरनोसम (Corpus Cavernosum) जिम्मेदार होता है। हस्तमैथुन में लिंग पर पड़ने वाले दवाब से यह काॅर्पस केवेरनोसम (Corpus Cavernosum) में एक तरफ रक्त का प्रवाह तेजी से होता है और दूसरी तरफ रक्त का प्रवाह कम होता है और लिंग में टेढेपन की समस्या हो जाती है। अत्यधिक टाईट अण्डरगारमेंट पहनने से भी लिंग में रक्त का प्रवाह बाधित होता है।,

उत्तेजित अवस्था में शिश्न की लम्बाई ओर मोटाई बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि उत्थान केन्द्र कितना सशक्त है। जैसे ही मस्तिष्क में काम जाग्रत होता है वैसे ही सेरीब्रम (Cerebrum)उत्थान केन्द्र को लिंग के स्पंजी टिशू में रक्त भेजने का आदेश भेजता है। यदि उत्थान केन्द्र सशक्त है तो वह उसी अनुपात में उतना ही अधिक रक्त लिंग में एकत्रित करने में समर्थ होता है जिसके फलस्वरूप लिंग का आकार उसी अनुपात में बड़ा हो जाता है। अगर उत्थान केन्द्र दुर्बल हो चुका हैे तो लिंग की लम्बाई, चैड़ाई अपेक्षाकृत कम होती है। नपुंसकता की ओर बढ़ रहे युवकों में जहां काम केन्द्र दुर्बल पड़ जाते हैं वहां उत्थान केन्द्र विशेष रूप से प्रभावित होता है और दुर्बल उत्थान केन्द्र पर्याप्त मात्रा में लिंग में रक्त एकत्रित करने में असमर्थ होने के कारण लिंग का आकार प्राकृितक रूप में नहीं आ पाता है। जैसे-जैसे उत्थान केन्द्र की दुर्बलता बढ़ती जाती है वैसे-वैसे लिंग की लम्बाई और चैड़़ाई कम होती जाती है। उत्तेजित लिंग के सामान्य से कम आकार को देखकर निष्कर्ष निकालना चाहिए कि उत्थान केन्द्र निर्बल हो चुका है। यदि यह दुर्बलता बढ़ती रहती है तो एक अवस्था ऐसी आती है जब उत्थान केन्द्र में बिल्कुल रक्त नहीं भर पाता और परिणामस्वरूप लिंग में उत्थान नहीं होता। इसको ही पूर्ण नपुंसकता कहते हैं। ऐसी अवस्था उत्पन्न न हो इसलिए उत्तेजित लिंग के आकार में कमी देखते ही उचित चिकित्सा समय रहते ही करा लेनी चाहिए।

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