विवाह के बाद हर स्त्री पुरूष की यही इच्छा होती है कि उनके घर भी एक नन्हा मुन्ना शिशु फूल के रूप में उनकी गृहस्थी की बगिया में खिले। पुरुष की कामना यही रहती है कि उस शिशु के रूप में उसकी वंश बेल विकसित हो तथा पीढ़ी दर पीढ़ी उसका भी नाम चलता रहे लेकिन संतान न होने पर घर की खुशी, कलह और अशांति में बदल जाती है। कई भोले-भाले लोग तो ढोंगी साधु संतों व ताबीज गण्डों
hashmi dawakhana in delhi contact
दिल की बात अपने दिल की बात आज ही हकीम साहब को ईमेल या फोन द्वारा बता दें या स्वयं मिलें। फोन पर ही आपको कीमती परामर्श मिल जाऐगा परमात्मा ने चाहा तो उनके परामर्श पर अमल करके आप एक नया जीवन प्राप्त कर सकेंगे। मायूसी कमजोरी और निराशा का जीवन भी कोई जीवन है। परमात्मा न करे यदि आप को शारीरिक रोग है या सेक्स में कमजोरी के कारण जीवन की खुशियों से वंचित हो तो समझो आपको हाशमी
Hashmi Dawakhana Amroha, Uttar Pradesh 244221
दिल की बात अपने दिल की बात आज ही हकीम साहब को ईमेल या फोन द्वारा बता दें या स्वयं मिलें। फोन पर ही आपको कीमती परामर्श मिल जाऐगा परमात्मा ने चाहा तो उनके परामर्श पर अमल करके आप एक नया जीवन प्राप्त कर सकेंगे। मायूसी कमजोरी और निराशा का जीवन भी कोई जीवन है। परमात्मा न करे यदि आप को शारीरिक रोग है या सेक्स में कमजोरी के कारण जीवन की खुशियों से वंचित हो तो समझो आपको हाशमी
स्त्री का ठंडापन
स्त्री के ठंडापन होने में सारा दोष पुरूष को भी नहीं देना चाहिए क्योंकि कभी कभी स्त्रियों में ठंडापन विवाह से पहले भी होता है जैसे स्त्री के गर्भाशय व स्त्री यौनांगों में कोई त्रुटि होना, अन्दर की स्त्रावी ग्रन्थियों की अव्यवस्था, कमजोरी, रक्तविकार,गर्भाधान का भय, सम्भोग के प्रति गलत दृष्टिकोण या कष्टपूर्ण समागम का असर आदि कई ऐसे बहुत से शारीरिक व मानसिक कारण हो सकते हैं। जिससे ठंडापन आ जाता है। अतः समझदार पुरुष को चाहिए कि वह
सफल जीवन का रहस्य
सुबह सवेरे उठकर प्रतिदिन सैर करें यदि हो सके तो कुछ व्यायाम करें। भोजन हल्का, सन्तुलित व जल्दी ही हज़्ाम होने वाला करें। रात्रि को भोजन सोने से 2-3 घंटें पहले ही कर लें। कब्ज़ न रहने दे। हस्तमैथुन न करे, गन्दे उपन्यास तथा अश्लील साहित्य न पढ़े मन के विचार शुु(अच्छा साहित्य पढ़े जब भी मन में बुरे विचार आयें तो अपने प्रभु को याद करें। सोने से पहले मूत्र त्याग अवश्य कर लें तथा रात में जब भी
स्त्री रोग जनित सन्तानहीनता
ऐसी अवस्था में पुरुष तो सन्तान पैदा करने योग्य होता है तथा उनमें शुक्राणु भी सामान्य अवस्था में पाये जाते हैं। लेकिन उनकी पत्नी की गर्भधारण क्षमता कम या समाप्त हो जाती है। कभी कभी स्त्री गर्भाशय में सूजन होती है जिससे नलों व पूडे में दर्द बना रहता है, मासिक चक्र अनियमित हो जाता है। प्रत्येक स्त्री के गर्भाशय के साथ दो डिम्ब नली होती है जिसमें से प्रत्येक मास मासिक धर्म के बाद गर्भ धारण करने वाले डिम्ब
श्वेत प्रदर (लिकोरिया)
यह रोग स्त्रियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। सामान्य रूप से योनि का गीला रहना कोई दोष नहीं है लेकिन कुछ स्त्रियों को गर्भाशय की झिल्ली व योनि मार्ग से तरल द्रव्य का स्त्राव इतना अधिक होता है कि पहने हुए अन्दर के कपड़ों पर भी दाग या धब्बे पड़ जाते हैं। यह स्त्राव पानी जैसा पतला भी हो सकता है और अंडे की जर्दी जैसा गाढ़ा भी। स्त्री की जब कामेच्छा बढ़ती है तथा सम्भोग के प्रति
स्त्री रोग
मालिक ने स्त्री और पुरुष को एक दूसरे के लिए बनाया है लेकिन दोनों की शरीर संरचना अलग अलग होती है। जो लोग केवल स्त्री संरचना में केवल स्त्री को ही होते हैं उन्हें स्त्री रोग कहते हैं। ये रोग भी काफी कष्टकारी होते हैं। कमर, शरीर में दर्द होता है, शरीर थका थका सा रहता है, कामकाज में मन नहीं लगता तथा स्त्री अपनी आयु से पहले ही स्वास्थ्य व सौन्दर्य खो बैठती है। अपनी उम्र से बड़ी दिखाई