Hashmi Dawakhana Amroha

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बवासीर मतलब पाइल्स यह रोग बढ़ती उम्र के साथ जिनकी जीवनचर्या बिगड़ी हुई हो, उनको होता है। जिन लोगों को कब्ज अधिक रहता हो उनको यह आसानी से हो जाता है। इस रोग में गुदा द्वार पर मस्से हो जाते है। जो सुखे और फुले दो प्रकार के होते है। मल विसर्जन के वक्त इसमें असहनीय पीड़ा होती है तथा खून भी निकलता है इससे रोगी कमजोर हो जाता है।

हकीम हाशमी

हकीम हाशमी

बवासीर को पाइल्स या होमोरोइड भी कहा जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो आपको बहुत परेशान करती है। बवासीस में गुदा के अंदर और बाहरी भाग में और मलाशय के निचले हिस्से में सूजन हो जाती है। जिसके कारण उस स्थान पर मस्से बन जाते हैं। यह मस्से कभी अन्दर जाते हैं, तो कभी बाहर आ जाते हैं। यह समस्या लगभग 60 प्रतिशत लोगों को किसी न किसी उम्र में होती है। इसलिए पाइल्स से ग्रसित किसी भी व्यक्ति का सही समय पर इलाज बहुत जरूरी है। यदि समय रहते पाइल्स का इलाज नहीं किया जाय तो समस्या काफी बढ़ जाती है।

यह एक अनुवांशिक समस्या भी है। यदि परिवार में किसी को यह समस्या रही हो, तो इससे दूसरे व्यक्ति को होने की आशंका रहती है। बहुत पुराना होने पर यह भगन्दर का रूप धारण कर लेता है जिसे फिस्टुला (Fistula) भी कहते हैं। इसमें असहाय जलन एवं पीड़ा होती है।

बवासीर का इलाज सरल है और अधिकतर मामलों में यह घरेलू इलाज से ही ठीक हो सकती है। हालांकि यदि घरेलू इलाज प्रभावी नहीं हो रहे हैं, या बहुत ही अधिक रक्तस्राव हो रहा है तो व्यक्ति को तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

बवासीर होने के लक्षण

कई बार बवासीर यदि गंभीर अवस्था में ना पहुंचा हो तो यह 4-5 दिनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है, लेकिन रोग बढ़ने पर ये लक्षण देखे जा सकते हैंः-

  • गुदा के आस-पास कठोर गांठ जैसी महसूस होती है। इसमें दर्द रहता है, तथा खून भी आ सकता है।
  • शौच के बाद भी पेट साफ ना हेने का आभास होना।
  • शौच के वक्त जलन के साथ लाल चमकदार खून का आना।
  • शौच के वक्त अत्यधिक पीड़ा होना।
  • गुदा के आस-पास खुजली, एवं लालीपन, व सूजन रहना।
  • शौच के वक्त म्यूकस का आना।
  • बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना, लेकिन त्यागते समय मल न निकलना।

बवासीर की समस्या मुख्य रूप से खाने-पीने की गलत आदतों और सुस्त जीवनशैली के कारण उत्पन्न होती है। कई बार देखा गया है कि इस रोग की शुरुआत कब्ज से होती है। यदि कब्ज की समस्या एक व्यक्ति को परेशान करती है, तो इस बात की अधिक संभावना है कि बवासीर की समस्या आपको परेशान करे।

बवासीर के इलाज में देरी करने से कई गंभीर समस्याए हो सकती है और यह कई और गंभीर रोगो का कारण बन सकती है, जैसे पुट्ठे का कैंसर, ऑब्सेस्सेस, आदि।  ऐसी गंभीर रोगो से बचने के लिए सही समय में उठाये गए कदम कारगर होते है। 

बवासीर किसी को भी हो सकती है, लेकिन कुछ लोगों को दूसरों की तुलना में ज्यादा खतरा होता है। कब्ज, गर्भावस्था, मोटापा, लंबे समय तक बैठे रहना, खाने में फाइबर की कमी, कम पानी पीना आदि में बवासीर का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।

कारण-कुछ व्यक्तियों में यह रोग पीढ़ी दर पीढ़ी पाया जाता है। अतः अनुवांशिकता इस रोग का एक कारण हो सकता है। जिन व्यक्तियों को अपने रोजगार की वजह से घंटों खड़े रहना पड़ता हो, जैसे बस कंडक्टर, ट्रॉफिक पुलिस, पोस्टमैन या जिन्हें भारी वजन उठाने पड़ते हों,- जैसे कुली, मजदूर, भारोत्तलक वगैरह, उनमें इस बीमारी से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है। कब्ज भी बवासीर को जन्म देती है, कब्ज की वजह से मल सूखा और कठोर हो जाता है जिसकी वजह से उसका निकास आसानी से नहीं हो पाता मलत्याग के वक्त रोगी को काफी वक्त तक पखाने में उकडू बैठे रहना पड़ता है, जिससे रक्त वाहनियों पर जोर पड़ता है और वह फूलकर लटक जाती हैं। बवासीर गुदा के कैंसर की वजह से या मूत्र मार्ग में रूकावट की वजह से या गर्भावस्था में भी हो सकता है।

एनआईएच के अनुसार, सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक कारकों के कारण, यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में 40 मिलियन से अधिक लोग बवासीर से पीड़ित हैं, जबकि वास्तविक संख्या अज्ञात है।अक्सर लोगों को यह एहसास नहीं होता कि वे पाइल्स से पीड़ित हैं। गुदा में दर्द होना और खून बहना इसका बहुत आम लक्षण है। इसके अलावा गुदा में खुजली होना और गुदा से डिस्चार्ज होना भी काफी आम लक्षणों में से एक है। पर आपको चिंता करने कि कोई जरुरत नहीं है। सौभाग्य से, इस समस्या का इलाज आपके घर में ही आपको आसानी से मिल जायेगा

सभी प्राकृतिक उपचार रोगों से लड़ने में प्रकिर्तिक रूप से मदद करते है इसमें किसी भी रोग का उपचार धीरे धीरे प्रारम्भ होता है और कुछ ही समय में पूरी तरह से समाप्त भी हो जाता है जबकि अन्य उत्पाद तुरन्त फायदा पहुंचा सकते हैं परन्तु अन्य सभी उत्पादों के बहुत अधिक दुष्प्रभाव सामने आते हैं तथा अभी तक हमारे किसी भी उत्पाद का कोई भी दुष्प्रभाव सामने नही आया है अतः हमारे सभी उत्पाद अन्य उत्पादों से बहुत अधिक बेहतर हैं

अगर आप बिना सर्जरी के बवासीर का इलाज करना चाहते हैं, तो हमारे अनुभवी विशेषज्ञ आपकी मदद करेंगे। इस विषय पर सलाह के लिए आप संपर्क कर सकते हैं। चाहे आप ऑनलाइन मिलें फ़ोन पर बात करे या व्यक्तिगत रूप से, हम आपके लिए सबसे अच्छा निर्णय लेने में आपकी मदद करेंगे

2 Comments

  1. Heya this is kinda of off topic but I was wondering if blogs use WYSIWYG editors or if you have to manually code with HTML. I’m starting a blog soon but have no coding skills so I wanted to get advice from someone with experience. Any help would be greatly appreciated!

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