माइग्रेन, एक ऐसी बीमारी जिसके मरीज दुनियाभर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हमारे देश में भी इसकी तादाद बढ़ती जा रही है। सबसे बड़ा कारण है भागदौड़ की जिंदगी। जो तनाव से तो भरपूर है पर उससे मुक्त होने के लिए हम कोई उपाय नहीं करते। बस यही सारी वजहें धीरे-धीरे माइग्रेन के रुप में बदलने लगती हैं।
माना जाता है कि जैसे ही आप सामान्य स्थिति से एकदम तनाव भरे माहौल में पहुंचते हैं तो सबसे पहले आपका सिर दर्द बढ़ता है। ब्लडप्रेशर हाई होने लगता है और लगातार ऐसी स्थितियां आपके सामने बनने लगे तो समझिए आप माइग्रेन के शिकार हो रहे हैं।
सिरदर्द से हर किसी का वास्ता है। ये एक ऐसा रोग है जिसके कई कारण हो सकते हैं। कई बार तो ऐसा लगता है जैसे बेवजह सिरदर्द के शिकार हो गए हों। सिरदर्द का एक गंभीर रूप जो बार-बार या लगातार होता है, उसे माइग्रेन कहते हैं। माइग्रेन को आम बोलचाल की भाषा में अधकपारी भी कहते हैं।
आम तौर पर इसका शिकार होने पर सिर के आधे हिस्से में दर्द रहता है। जबकि आधा दर्द से मुक्त होता है। जिस हिस्से में दर्द होता है, उसकी भयावह चुभन भरी पीड़ा से आदमी ऐसा त्रस्त होता है कि सिर क्या बाकी शरीर का होना भी भूल जाता है।
इसके अलावा फोटोफोबिया यानी रोशनी से परेशानी और फोनोफोबिया यानी शोर से मुश्किल भी आम बात है। माइग्रेन से परेशान एक तिहाई लोगों को इसकी जद में आने का एहसास पहले से ही हो जाता है। पर्याप्त नींद न लेना, भूखे पेट रहना और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना जैसे कुछ छोटे-छोटे कारणों से भी आपको माइग्रेन की शिकायत हो सकती है।
ज्यादातर लोगों को भावनात्मक वजहों से माइग्रेन की दिक्कत होती है। इसीलिए जिन लोगों को हाई या लो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और तनाव जैसी समस्याएं होती हैं उनके माइग्रेन से ग्रस्त होने की आशंका बढ़ जाती है। कई बार तो केवल इन्हीं कारणों से माइग्रेन हो जाता है। इसके अलावा हैंगओवर, किसी तरह का संक्रमण और शरीर में विषैले तत्वों का जमाव भी इसकी वजह हो सकता है।
एलर्जी के कारण भी माइग्रेन हो सकता है और अलग-अलग लोगों में एलर्जी के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। कुछ लोगों के लिए खाने-पीने की चीजें भी एलर्जी का कारण बन जाती हैं। कुछ लोगों को दूध और उससे बनी चीजें खाने से एलर्जी होती है तो कुछ के लिए साग-सब्जी एलर्जी का कारण हो सकती है। किसी को धूल से एलर्जी होती है तो किसी को धुएं से। इसलिए अगर आपको पता हो कि आपको किन चीजों से एलर्जी है तो उनसे बच कर रहें।
सिर दर्द की समस्या कुछ लोगों को बार-बार तंग करती है। आमतौर पर सिरदर्द दो तरह का होता है, प्राइमरी और सेकेंडरी। प्राइमरी में सिर दर्द की असल वजह पता नहीं चलती। वही सेकेंडरी में दर्द किसी शारीरिक समस्या की वजह से होता है। अगर इस तरह के दर्द को नजर अंदाज कर दिया जाएं तो इससे कोई बड़ी बीमारी हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि इसके संकेतो को अच्छे से पहचान लिया जाएं।
सिरदर्द वाकई बहुत तकलीफदेह हो सकता है! ये हमारे
दैनिक जीवन को हल्की-फुल्की तकलीफ से लेकर कमज़ोर कर देने वाली धड़कन तक में बदल सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिरदर्द के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से प्रत्येक के अपने अलग-अलग लक्षण और अंतर्निहित कारण होते हैं? इन अंतरों को समझना उन्हें प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने और उनका इलाज करने की कुंजी है।
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि सिरदर्द के प्रकार और कारण जटिल हो सकते हैं और हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। कुछ सामान्य कारणों में चिंता, नींद की कमी , निर्जलीकरण, विशिष्ट खाद्य पदार्थ , पर्यावरणीय कारक और अंतर्निहित चिकित्सा बीमारियाँ शामिल हैं। यदि आप नियमित या गंभीर सिरदर्द से गुज़र रहे हैं, तो अंतर्निहित कारण को हल करने और उचित सिरदर्द उपचार योजना बनाने के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करना आवश्यक है।
ऐसा नहीं कि माइग्रेन लाइलाज बीमारी है। हमारे अनुभवी विशेषज्ञ आपकी मदद करेंगे। इस विषय पर सलाह के लिए आप संपर्क कर सकते हैं। चाहे आप ऑनलाइन मिलें फ़ोन पर बात करे या व्यक्तिगत रूप से, हम आपके लिए सबसे अच्छा निर्णय लेने में आपकी मदद करेंगे