त्वचा रोग ऐसी स्थितियाँ हैं जो आपकी त्वचा को प्रभावित करती हैं। इन बीमारियों के कारण चकत्ते, सूजन, खुजली या अन्य त्वचा परिवर्तन हो सकते हैं। कुछ त्वचा की स्थितियाँ आनुवंशिक हो सकती हैं, जबकि जीवनशैली के कारण अन्य हो सकती हैं। त्वचा रोग के उपचार में दवाएँ, क्रीम या मलहम या जीवनशैली में बदलाव शामिल हो सकते हैं।
त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं जैसे एलर्जी, रैशेज, खुजलीदार त्वचा, त्वचा छिलना, दाद आदि का सामना लोगो अक्सर करते हैं। त्वचा में होने वाली समस्याओं को चर्म रोग कहते हैं। चर्म रोग में त्वचा से जुड़ी लगभग समस्याएं शामिल हैं। हम सभी ने जीवन में कभी न कभी जीवन में किसी न किसी त्वचा संबंधी समस्या का सामना जरूर किया है। हालांकि, डॉक्टर द्वारा इनका सफद इलाज संभव होता है। लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की त्वचा के रोग या चर्म रोग क्यों होता है? या इसके क्या कारण हैं?
जब शरीर में तीनों दोष वात, पित्त और कफ़ असंतुलित हो जाएँ तो चर्म रोग होने का खतरा बना रहता है लेकिन सबसे ज्यादा पित्त के अनियंत्रित होने से ये रोग होते हैं| यही वजह है कि त्वचा विकारों को दूर करने के लिए आयुर्वेद विशेषज्ञ रक्त को साफ़ करने वाली जड़ी-बूटियों का सेवन करने की सलाह देने नज़र आते हैं| त्वचा रोग में दाद, जलन, खुजली और दर्द होना इसके अहम लक्षण माने जाते हैं| परन्तु इन रोगों के लक्षण और कारण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं|
कई दुर्लभ त्वचा रोग जेनेटिक होते हैं, जिसका अर्थ है कि आप उन्हें विरासत में लेते हैं। कुछ दुर्लभ त्वचा रोगों में शामिल हैं:
यह रोग आपको अलग-अलग बीमारियों, अधिक दवाइयों का सेवन और हानिकारक ब्यूटी प्रोडक्ट के इस्तेमाल से हो सकता है| निम्नलिखित कारण को ध्यान में रखकर आप त्वचा विकारों से सुरक्षित रह सकते हैं|
* सूर्य के हानिकारक किरणों
ग्रीष्म ऋतु में जरूरत होने पर ही लोगों को घर से बाहर जाना चाहिए, नहीं तो सूरज अपनी हानिकारक किरणों के द्वारा त्वचा के अनेक रोगों को आमंत्रित कर सकता है| इस स्थिति में उचित यही होगा कि आप किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से परामर्श कर लें|
* अनुवांशिक कारण
अगर किसी को अनुवांशिक चर्म रोग है तो वह बच्चे के जन्म लेते ही कुछ दिन बाद दिखने शुरू हो जाते हैं| उनके शरीर में लाल निशान और चक्कते कहीं भी हो अकते हैं| लेकिन एक शोध यह भी कहती है कि जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती है उसके ये रोग अपने आप खत्म होते चले जाते हैं|
* तनाव या स्ट्रेस
इस बात का तो आपको पता ही होगा कि ज्यादा चिंता और तनाव में महिलाओं के हार्मोन संतुलित नहीं रह पाते तो आगे चलकर चर्म रोगों का कारण बन सकते हैं|
* गलत साबुन इस्तेमाल
जो लोग बहुत ज्यादा हार्ड साबुन नहाने के समय उपयोग करना पसंद करते हैं, वह भी त्वचा विकारों का शिकार हो सकते हैं| बता दें कि इस असर धोबी का काम करने वाले लोगों में ज्यादा देखा जा सकता है, क्योंकि वह ज्यादा समय कठोर साबुन का ही उपयोग करते नज़र आते हैं।
* गर्भावस्था में
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस स्थिति में महिलाओं के हार्मोन में काफी बदलाव आता है जो अनेक त्वचा विकारों का कारण भी बन सकता है| प्रेग्नेंसी के समय आपको स्ट्रेच मार्क, खुजली, दर्द, दाद, एक्जिमा, मुंहासे और सोरायसिस जैसी गम्भीर बीमारी भी हो सकती है|
* हानिकारक कैमिकल के कारण
आज के समय के रासायनिक पदार्थों का अनुचित उपयोग भी आपको चर्म रोग से ग्रसित कर सकता है| खुद की त्वचा को साफ़ और क्लीन रखने के लिए हर कोई अलग-अलग ब्यूटी प्रोडक्ट का सिर्माल करता नज़र आता है, परन्तु आप इस बात को भूल चुके हो कि इनके अंदर के हानिकारक कैमिकल भी त्वचा विकारों का अहम कारण माने जाते हैं।
इन सभी के अलावा प्रदूषित वातावरण, हानिकारक बैक्टीरिया और मधुमेह जैसी बीमारियाँ भी चर्म रोगों का मुख्य कारण बन सकती हैं|
यदि आप किसी त्वचा विकार का सामना करते हैं, तो हमसे परामर्श ज़रूर करे किसी भी त्वचा रोग का ठीक से निदान किया जाना चाहिए क्योंकि उपचार तभी सफल होता है जब उसका सही निदान किया जाता है और उससे निपटा जाता है।