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आज के इस युग में हर किसी भी व्यक्ति को मोटापे की समस्या होना आम बात हो गई है। मोटापा एक ऐसी बीमारी है, जो स्त्री, पुरुष व बच्चे किसी को भी हो सकती है। अधिक मोटापा व्यक्ति की सुन्दरता तो नष्ट करता ही है साथ ही यह समाज में मुख्य रूप से हंसी का पात्र भी बना देता है। यहां तक कि मोटापा कई जटिल रोगों को न्यौता भी देता है। अधिक मोटापा जंगल में आग की तरह फैलता जा रहा है जिससे आज हर दूसरे तीसरे व्यक्ति में देखने को मिलता है। सर्वे के अनुसार लगभग 60 प्रतिशत लोग आज भारत में मोटापे की समस्या से ग्रस्त हैं।

हालांकि यह परेशानी विदेशों में देखी जाती थी लेकिन बदलती जीवन शैली के चलते यही समस्या आज भारत में बढ़ती जा रही है। बहुत से व्यक्ति अपने को बहुत अधिक मोटा समझकर हीन भावना से ग्रस्त हो जाते हैं और अपने को अन्य व्यक्तियों से अलग महसूस करने लगते हैं। आज हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि लोगों का मोटापा बढ़ जाता है।

व्यक्ति में मोटापे की समस्या अस्त-व्यस्त दिनचर्या का होना है। जो लोग जरूरत से ज्यादा सोते हैं उनमें मोटापा बढ़ने की संभावना अधिक होती है। अगर हम बात करें उन लोगों की जो आरामदायक जीवन जीना पसंद करते हैं और किसी भी तरह का कोई परिश्रम नहीं करते हैं खासतौर से वही मोटापे की चपेट में आते हैं।

अक्सर देखा जाता है कि बहुत से लोग छोटी-छोटी बीमारियों एवं तकलीफ में दवाइयाँ लेने लगते हैं जो आगे चलकर नुकसान करती है। दवाइयों के दुष्प्रभाव के द्वारा भी मोटापा बढ़ जाता है। प्रसव के उपरान्त भी कई महिलायें मोटापे का शिकार हो जाती है। प्रसवोपरान्त महिलायों का मोटापा बढ़ जाता है। कई महिलाओ में मासिक धर्म का कई महीनो के बाद या अनियमित रूप से होना भी मोटापे को बढ़ाता है।

बहुत से व्यक्ति खुद को शेप में लाने के लिये डायटिंग तो कर लेते हैं पर उनको जरा भी अंदाज़ा भी नहीं होता की जो वो कर रहे हैं उसका तरीका सही भी है या नहीं। बस मन में आया और डायटिंग करना शुरू कर दिया और इसका नतीजा ये होता है के वो या तो बीमार हो जाते हैं या फिर मोटापे के शिकार हो जाते हैं।

कुछ लोगों की आदत होती है कि वह छोटी सी बात को लेकर मानसिक तनाव लेने लग जाते हैं। ये मानसिक तनाव आपमें मोटापे को जन्म दे सकता है जो आपके और आपके शरीर के लिए हानिकारक है।

आजकल व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों का दिन पर दिन अभाव होता जा रहा है। देर रात तक सोने के कारण सुबह में उठा नहीं जाता और इस कारण हम आलस कर जाते हैं और इसकी वजह से कोई भी व्यायाम नहीं कर पाते और शारीरक गति विधि नही होने के कारण मोटापे का बढ़ना संभवत तय है।

मोटापे का एक कारण हृर्मोन्स असन्तुलन है। थाइराइड और पिट्यूटरी ग्रन्थि के हृर्मोन्स स्त्राव जब अनियमित हो जाते है। जिस कारण व्यक्ति मोटापे का शिकार हो जाता है।

अत्यधिक तैलीय या जंक फ़ूड खाने से भी लोगों में भी मोटापा बढ़ने की संभावना कई दुगुना बढ़ जाती है। बहुत सारे ऐसे लोग देखे गए हैं जो आवश्यकता से अधिक खाते हैं। ज्यादा खाने की आदत की वजह से ही वह मोटापे के शिकार हो जाते हैं।

बहुत से मामलों में यह बात सामने आई है कि जिनके माता पिता में से कोई न कोई मोटापे से ग्रस्त है और उसका बच्चा भी मोटा ही पैदा हो गया है तो ये मोटापा उसे विरासत में मिला होता है और इसे हम आनुवंसिक मोटापा भी कह सकते हैं।

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