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अगर आप लंबे समय तक बैठकर काम करते रहते हैं और कोई ब्रेक नहीं लेते हैं तो हो जाईये सावधान! क्योंकि लंबे समय तक बैठने से भी हमारे शरीर में कुछ ऐसे परिवर्तन होने लगते हैं जो कि हानिकारक होते हैं। आज के इस दौर में लोगों के जीवन में भी काफी बदलाव आए हैं। जहां आज दफ्तरों में पुरुष जितने सक्रिय हैं उतनी ही महिलाएं भी है। अब ऐसे में कुछ लोगों का पूरा दिन भाग-दौड़ में निकलता है तो किसी का सारा दिन बैठ कर काम करने में व्यतीत होता है। लेकिन हम आपको बता दें कि भाग-दौड़ वाली जिन्दगी हमें उतना नुकसान नहीं पहुंचाती जितना कि ज़्यादा समय तक बैठ कर काम करने से पहुंचाती है। ज्यादातर मामलों में पुरुषों के मुकाबले इससे महिलाओं को ज़्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है।

शोधकर्ताओ का कहना है कि एक ही मुद्रा की स्थिति में दीर्घ अवधि तक बैठे रहना शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचा सकता है और हमारे शरीर के लिये खतरा बन सकता है। लम्बे समय तक बैठने से रक्त के धक्के जम जाने की संभावना बढ़ जाती है जो मस्तिष्क में पहुंचकर स्ट्रोक का भी कारण बन सकता है। दिनभर बैठे रहने से एप्ल्मोरी एम्बोलिज्म यानी फेफडो में रक्त के धक्के जमने की आशंका रहती है जिससे फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं। बैठे रहने से हाथ और पैरो में सुन्न होने वाली बीमारी हो सकती है या उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) की समस्या हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है।

जब आप बहुत समय से एक ही जगह बैठकर काम करते हैं तो आपकी पैरों की मांसपेशियां निष्क्रिय रहती हैं। ये निष्क्रियता लोगों में डायबिटीज और मोटापे की सबसे बड़ी वजह बनती हैं। ये समस्याएं आगे चलकर हृदय व रक्तचाप संबंधी रोगों को जन्म देती हैं। जिन लोगों को मीठा खाने की आदत होती है उन्हें ज्यादा मिठा नहीं खाना चाहिये क्योंकि अधिक वक्त तक बैठकर काम करने से आपको जल्द ही मोटापे व डायबीटिज़ का मरीज़ होना पड़ सकता है।

जब आप किसी कार्य को चलते फिरते या खड़े होकर करते हैं तो मांसपेशियां सक्रिय बनी रहती हैं, लेकिन यदि आप बैठकर काम करते हैं तो पीठ और पेट की मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं। इसी स्थिति के चलते आपके कूल्हे और पैरों की मांशपेशियां कमजोर पड़ने की आशंका अधिक हो जाती है और यह भी हो सकता है कि आपकी रीढ़ की हड्डी भी पूरी तरह से सीधी न रह सके। परिणाम स्वरूप कूल्हे और पैरों की सक्रियता प्रभावित होती है और ये अंग सख्त होने लगते हैं और इनकी स्वाभाविक नमनीयता खत्म होने लगती है।

टीवी व कम्प्यूटर के सामने ज्यादा वक्त तक बैठकर कर लगातार काम करने से आपके लिए सिर दर्द व अन्य बिमारियों को जन्म देता है। यहां तक कि आपके शरीर और दिमाग का संतुलन बिगड़ भी सकता है।

लंबे समय तक बैठे रहने से भी मस्तिष्क पर विपरीत असर पड़ता है और जो व्यक्ति कम्प्यूटर पर कार्य करते हैं उन्हें गर्दन में तनाव पैदा हो जाता है। इसके कारण कंधों और पीठ में भी दर्द होने समस्या भी बढ़ जाती है।

शोधों के मुताबिक कोलोन कैंसर होने की वजह लंबे समय तक बैठकर काम करना है इतना ही नहीं, किन्हीं कारणों से स्तन और अन्तर्गर्भाशयकला (एन्डोमेट्रीअल) कैंसर होने की संभावना बनी रहती है।

यदि आप भी इन परेशानियों से रोज़ाना जुझते हैं तो कोशिश करें कि लगातार बैठकर काम न करें यानि काम के दौरान बीच-बीच में आराम करते रहे, टहलते रहें और खूब पानी पीने की आदत डालें।

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