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परिचयनिसंतानता पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकती है, और कई मामलों में इसका कारण पुरुषों की ओर से होता है। पुरुष निसंतानता की स्थिति में सामान्यतः शुक्राणुओं के निर्माण या उनके स्त्रावण में बाधा आती है। कुछ पुरुषों के वीर्य में बिल्कुल भी शुक्राणु नहीं पाए जाते, जिसे “शून्य शुक्राणुता” कहा जाता है।

हकीम हाशमी

हकीम हाशमी

परिचय
निसंतानता पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकती है, और कई मामलों में इसका कारण पुरुषों की ओर से होता है। पुरुष निसंतानता की स्थिति में सामान्यतः शुक्राणुओं के निर्माण या उनके स्त्रावण में बाधा आती है। कुछ पुरुषों के वीर्य में बिल्कुल भी शुक्राणु नहीं पाए जाते, जिसे “शून्य शुक्राणुता” कहा जाता है। यह स्थिति गंभीर हो सकती है, परंतु इसका अर्थ यह नहीं है कि संतान की आशा समाप्त हो गई है।

शून्य शुक्राणुता क्या है?
जब वीर्य में बिल्कुल भी शुक्राणु मौजूद नहीं होते, तो उसे शून्य शुक्राणुता कहा जाता है। यह स्थिति सामान्य वीर्य परीक्षण के माध्यम से सामने आती है। हालांकि पुरुष का वीर्य सामान्य मात्रा में निकलता है, उसमें शुक्राणु नहीं होते। यह समस्या दो प्रकार की हो सकती है — एक में शरीर शुक्राणु बनाता ही नहीं है, और दूसरी में शुक्राणु बनते हैं लेकिन बाहर नहीं आ पाते।

निदान कैसे होता है?
इस स्थिति की पहचान करने के लिए मेडिकल इतिहास, शारीरिक जांच, हार्मोन परीक्षण और वीर्य विश्लेषण की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञ यह भी देख सकते हैं कि क्या अंडकोष में किसी तरह की संरचनात्मक समस्या, हॉर्मोन असंतुलन, बचपन में कोई बीमारी, या कोई सर्जरी इसके लिए जिम्मेदार है। कभी-कभी शुक्राणु मार्ग में रुकावट की वजह से भी यह समस्या हो सकती है।

शून्य शुक्राणुता के कारण

  • हार्मोन में असंतुलन
  • अंडकोष में खराबी या चोट
  • जन्मजात विकार
  • अधिक तापमान का असर
  • संक्रमण
  • किसी दवा या कीमोथेरेपी का प्रभाव
  • जीवनशैली में अत्यधिक शराब या नशे का सेवन

क्या इसका इलाज संभव है?
कुछ मामलों में सर्जरी, दवाओं या जीवनशैली में बदलाव से शुक्राणु निर्माण में सुधार संभव है। अगर शुक्राणु बन तो रहे हैं पर वीर्य में नहीं आ पा रहे हैं, तो विशेष तकनीकों से अंडकोष से सीधे शुक्राणु निकाले जा सकते हैं और आईवीएफ जैसी प्रक्रिया में उनका उपयोग किया जा सकता है। यदि शुक्राणु निर्माण बिल्कुल नहीं हो रहा हो, तो अन्य विकल्प जैसे स्पर्म डोनर या दत्तक संतान को अपनाने पर भी विचार किया जा सकता है।

भावनात्मक समर्थन और मार्गदर्शन
इस स्थिति का पता चलना मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल, परामर्शदाता से बात करना और परिवार का समर्थन बहुत महत्वपूर्ण होता है।

निष्कर्ष
शून्य शुक्राणुता एक गंभीर स्थिति हो सकती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि माता-पिता बनने की आशा समाप्त हो गई है। उन्नत चिकित्सा विधियों की सहायता से अब ऐसे पुरुषों के लिए भी पितृत्व संभव है जिनके वीर्य में शुक्राणु नहीं पाए जाते। सही समय पर जांच, उपचार और विशेषज्ञ मार्गदर्शन से यह सपना हकीकत में बदला जा सकता है।

महत्वपूर्ण नोट:
हमेशा महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संबंधी बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर या स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श करें। वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री और वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या के लिए कृपया हमें +91-9058577992 पर संपर्क करें। और हमारे अनुभवी डॉक्टरों से मुफ्त परामर्श प्राप्त करें। आपका स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता है। धन्यवाद।

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