Hashmi Dawakhana Amroha

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अस्थमा एक पुरानी फेफड़ों की बीमारी है। अस्थमा के कारण खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं। लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं और कभी-कभी जानलेवा भी हो सकते हैं। "अस्थमा क्या है " को समझना और अस्थमा के प्रभावी उपचार का पालन करना अस्थमा के सफल प्रबंधन की ओर ले जा सकता है

Hakeem Hashmi

Hakeem Hashmi

अस्थमा (Asthma) एक गंभीर बीमारी है, जो श्वास नलिकाओं को प्रभावित करती है। श्वास नलिकाएं फेफड़े से हवा को अंदर-बाहर करती हैं। अस्थमा होने पर इन नलिकाओं की भीतरी दीवार में सूजन होता है। यह सूजन नलिकाओं को बेहद संवेदनशील बना देता है और किसी भी बेचैन करनेवाली चीज के स्पर्श से यह तीखी प्रतिक्रिया करता है। जब नलिकाएं प्रतिक्रिया करती हैं, तो उनमें संकुचन होता है और उस स्थिति में फेफड़े में हवा की कम मात्रा जाती है। इससे खांसी, नाक बजना, छाती का कड़ा होना, रात और सुबह में सांस लेने में तकलीफ आदि जैसे लक्षण पैदा होते हैं।

अस्थमा को ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है, ताकि दमे से पीड़ित व्यक्ति सामान्य जीवन व्यतीत कर सके। दमे का दौरा पड़ने से श्वास नलिकाएं पूरी तरह बंद हो सकती हैं, जिससे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों को आक्सीजन की आपूर्ति बंद हो सकती है। यह चिकित्सकीय रूप से आपात स्थिति है। दमे के दौरे से मरीज की मौत भी हो सकती है।

अस्थमा यूनानी शब्द है, जिसका अर्थ है – ‘जल्दी-जल्दी साँस लेना’ या ‘साँस लेने के लिए जोर लगाना’। जब किसी व्यक्ति को अस्थमा का दौरा पड़ता है तो वह सामान्य साँस के लिए भी गहरी-गहरी या लंबी-लंबी साँस लेता है; नाक से ली गई साँस कम पड़ती है तो मुँह खोलकर साँस लेता है। वास्तव में रोगी को साँस लेने की बजाय साँस बाहर निकालने में ज्यादा कठिनाई होती है, क्योंकि फेफड़े के भीतर की छोटी-छोटी वायु नलियाँ जकड़ जाती हैं और दूषित वायु को बाहर निकालने के लिए उन्हें जितना सिकुड़ना चाहिए उतना वे नहीं सिकुड़ पातीं। परिणामस्वरूप रोगी के फेफड़े फूल जाते हैं, क्योंकि रोगी अगली साँस भीतर खींचने से पहले खिंची हुई साँस की हवा को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाता।

जब आपको अस्थमा की समस्या होती है, तो आपके वायुमार्ग में सूजन और संकुचन आ जाता है, और वायुमार्ग में अधिक मात्रा में म्यूकस उत्पन्न होता है। खांसी, सांस लेने में दिक्कत और व्हीज़िंग ये सभी विशेष लक्षण सांस लेने में कठिनाई को इंगित करते है। किसी के लिए अस्थमा केवल एक छोटी सी असुविधा हो सकती है। किन्तु किसी के लिए यह एक गंभीर समस्या हो सकती है जो उनकी दैनिक गतिविधियों में दिक़्क़त कर पैदा सकती है या फिर एक अस्थमा अटैक को ट्रिगर कर सकती है जो जानलेवा भी हो सकता है।

    अस्थमा के लक्षण

    अस्थमा या तो धीरे-धीरे उभरता है अथवा एकाएक भड़कता है। जब अस्थमा या अस्थमा एकाएक भड़कता है तो उससे पहले खाँसी का दौरा होता है, किंतु जब अस्थमा धीरे-धीरे उभरता है तो उससे पहले आमतौर पर श्वास प्रणाली में संक्रमण हो जाया करता है। अस्थमा का दौरा जब तेज होता है तो दिल की धड़कन और साँस लेने की रफ्तार दोनों बढ़ जाती हैं तथा रोगी बेचैन व थका हुआ महसूस करता है। उसे खाँसी आ सकती है, सीने में जकड़न महसूस हो सकती है, बहुत अधिक पसीना आ सकता है और उलटी भी हो सकती है। दमे के दौरे के समय सीने से आनेवाली साँय-साँय की आवाज तंग श्वास नलियों के भीतर से हवा बाहर निकलने के कारण आती है। अस्थमा के सभी रोगियों को रात के समय, खासकर सोते हुए, ज्यादा कठिनाई महसूस होती है।

    • छींक आना
    • सामान्यतया अचानक शुरू होता है
    • किस्तों मे आता है
    • रात या अहले सुबह बहुत तेज होता है
    • ठंडी जगहों पर या व्यायाम करने से या भीषण गर्मी में तीखा होता है
    • दवाओं के उपयोग से ठीक होता है, क्योंकि इससे नलिकाएं खुलती हैं
    • बलगम के साथ या बगैर खांसी होती है
    • सांस फूलना, जो व्यायाम या किसी गतिविधि के साथ तेज होती है
    • शरीर के अंदर खिंचाव (सांस लेने के साथ रीढ़ के पास त्वचा का खिंचाव)

    अस्थमा कई कारणों से हो सकता है। अनेक लोगों में यह एलर्जी मौसम, खाद्य पदार्थ, दवाइयाँ इत्र, परफ्यूम जैसी खुशबू और कुछ अन्य प्रकार के पदार्थों से हो सकता हैं; कुछ लोग रुई के बारीक रेशे, आटे की धूल, कागज की धूल, कुछ फूलों के पराग, पशुओं के बाल, फफूँद और कॉकरोज जैसे कीड़े के प्रति एलर्जित होते हैं। जिन खाद्य पदार्थों से आमतौर पर एलर्जी होती है उनमें गेहूँ, आटा दूध, चॉकलेट, बींस की फलियाँ, आलू, सूअर और गाय का मांस इत्यादि शामिल हैं। कुछ अन्य लोगों के शरीर का रसायन असामान्य होता है, जिसमें उनके शरीर के एंजाइम या फेफड़ों के भीतर मांसपेशियों की दोषपूर्ण प्रक्रिया शामिल होती है। अनेक बार अस्थमा एलर्जिक और गैर-एलर्जीवाली स्थितियों के मेल से भड़कता है, जिसमें भावनात्मक दबाव, वायु प्रदूषण, विभिन्न संक्रमण और आनुवंशिक कारण शामिल हैं। एक अनुमान के अनुसार, जब माता-पिता दोनों को अस्थमा या हे फीवर (Hay Fever) होता है तो ऐसे 75 से 100 प्रतिशत माता-पिता के बच्चों में भी एलर्जी की संभावनाएँ पाई जाती हैं।

    हकीम हाशमी जो उपयोगी जड़ी बूटियों की खोज में अपने पूरे जीवन समर्पित कर नई औषधियां विकसित की है, जोकि विभिन्न क्षेत्रों से इस प्रणाली को भी औषधीय पहलू की कई पीढ़ियों से बंद टिप्पणियों पर आधारित है. आधुनिक अनुसंधान उपकरण, जड़ी बूटी पर औषधीय अध्ययन की मदद से, हकीम हाशमी ने कई तरह की चिकित्सा के पुराने फार्मूलों के संशोधन कर अस्थमा के इलाज के लिए शक्तिशाली और नई दवाओं का शोध कर लाखो लोगो को उपचार प्रदान किया है. यदि कोई अस्थमा रोगी धुम्रपान करता है तो आप हमारी दवा से धुम्रपान का सेवन करने वाले व्यक्ति को बिना बताए उसकी धुम्रपान की आदत बहुत ही सरलता के साथ छुड़ा सकते हैं यूनानी सिस्टम राष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के अनुसार, “यूनानी दवा विभिन्न समस्यों के इलाज का एक अभिन्न हिस्सा है”

    यदि आप कुछ अस्थमा के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं लेकिन अभी बीमारी का डायग्नोसिस नहीं हुआ है, तो आप परामर्श ज़रूर करें। यदि आपमें पहले से ही अस्थमा का डायग्नोसिस है और आपको लगता है कि आपके लक्षण पहले से बढ़ गये हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करने में न हिचकिचाएं। अस्थमा, यदि नियंत्रित नहीं हो रहा हो, या लक्षण कभी-कभी कंट्रोल में नहीं रहते, तो आगे के उपचार की अधिक आवश्यकता होती है।

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