कई नवयुवक मानसिक रोगी होते हैं, वास्तव में उन्हें बीमारी नहीं होती है चालाक और बाजारी हकीम इनकी कमजोरी से लाभ उठाकर इनके सन्देह को बढ़ाते हैं और स्वस्थ पुरुष को रोगी बना देते हैं।ऐसे नवयुवक अपनी अज्ञानता के कारण कभी कभी आत्महत्या कर लेते हैं। क्योंकि वे समझते हैं कि उनका जीवन अब व्यर्थ हो गया है वे अपनी पूर्ण अवस्था पर नहीं आ सकते। मगर यह उनकी भूल है ऐसे रोगियो को हम बिना दवाई दिये खुराक आदि के बारे में उचित सलाह देकर उनको ठीक कर देते हैं। चिकित्सा सम्बन्धी निःशुल्क परामर्श के लिए मिले या या फोन कर परामर्श लें।
मायूसी कमजोरी और निराशा का जीवन भी कोई जीवन है। परमात्मा न करे यदि आप को शारीरिक रोग है या सेक्स में कमजोरी के कारण जीवन की खुशियों से वंचित हो तो समझो आपको हाशमी दवाखाना की जरूरत है। हकीम साहब के पास प्रतिदिन मरीजों के फोन आते हैं। इन फासेन काॅल को हकीम साहब स्वयं सुनते हैं। यह फोन उन दुखी नवयुवक मर्दो और औरतों के होते है जो अपने गुप्तरोग और दिल की बात किसी अन्य को बताते हुए शर्माते हैं हकीम साहब फोन पर मरीज की समस्या सुनकर उसका उचित परामर्श व इलाज बताते हैं।
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