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आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में डायबिटीज के मरीजों की संख्या होना आम बात है। अब हाल यह हो गया है कि यह बीमारी दिन प्रतिदिन अपने पैर पसार रही है। खासतौर पर भारत में इसके मरीजों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है। यूं तो डायबिटीज आपकी सेहत और शरीर दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। जहां डायबिटीज शरीर के लिए नुकसानदायक है वहीं यह अन्य अंग के साथ-साथ आपकी प्रजनन क्षमता पर भी इसका असर पड़ता है। डायबिटीज आपके स्पर्म काउंट पर और कुछ मामलों में इसका प्रभाव मेल फर्टिलिटी पर भी पड़ता है।

मधुमेह का अनियंत्रित रहना कई रोगों (गुर्दा रोग, हृदय रोग ) आदि रोगों को बुलावा दे सकता है। इस कष्टदायक रोग से बचने के लिए हमें अपनी जीवन-शैली में कुछ सकारात्मक परिवर्तन करनें होंगे जैसे-अपने खान-पान पर ध्यान देकर, नियमित रूप से दवाएं लेकर व व्यायाम करके इसे नियंत्रित कर इसके दुष्प्रभाव को बहुत हद तक रोक सकते हैं।

प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मधुमेह प्रजनन तंत्र की विभिन्न क्रियाओं पर प्रतिकूल असर डालता है। डायबिटीज के कारण स्पर्म काउंट की संख्या कम तो होती ही है साथ ही इसका असर स्पर्म की क्वालिटी पर भी पड़ता है। जिस कारण पुरूषों में कम निल शुक्राणु की समस्या हो जाती है जिसका सीधा असर गर्भपात पर भी पड़ने लगता है जिससे पुरूष संतान उत्पन्न करने में सक्षम नहीं हो पाता है।

शादी-शुदा जिन्दगी पर डायबिटीज का भी असर पड़ने लगता है। शादी के बाद सेक्स की अहम भूमिका होती है लेकिन मधुमेह के कारण यह पुरूष की सेक्स क्षमता को बुरी तरह से प्रभावित करता है जिस कारण वह यौन संबंध बनाने में असमर्थ हो जाता है। जिससे पार्टनर असंतुष्टि का अहसास करने लगता है। नतीजन वैवाहिक जीवन नष्ट होने की कगार पर आ जाता है।

जहां डायबिटीज पुरूष प्रजनन क्षमता पर प्रभाव डालता हैं वहीं मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में हार्मोन्स से संबंधित असंतुलन के कारण कई समस्याऐं पैदा हो सकती है। जैसे माहवारी देरी से होना, मासिक स्त्राव में अनियमितताएं, सबफर्टिलिटी और रजोनिवृत्ति का समय से पूर्व होना आदि।

रिसर्च के अनुसार इस शोध में पाया गया है कि डायबिटीज के मरीज़ों और सामान्य लोगों जिनकी उम्र 25-45 साल थी शामिल किया गया। सामान्य लोगों की तुलना में डाबिटीज से पीड़ित मरीज़ों के स्पर्म के डीएनए ज्यादा क्षतिग्रस्त थे। इसीलिए यह कहना गलत न होगा कि डायबिटीज लोगों की प्रजनन क्षमता पर गहरा प्रभाव डालता है।

डायबिटीज के कारण पुरूषों में शीघ्र स्खलन होना व यौन संबंध बनाने की क्षमता का कम होना इत्यादि समस्याएं पैदा होने लगती है जो इनफर्टिलिटी का कारण बनती है। रक्त में शर्करा (शुगर) का उच्च स्तर नसों को नुकसान पहुंचाता है जिस कारण लिंग की रक्त वाहिकाएं बंद हो जाती हैं। परिणामस्वरूप पुरूषों में सेक्स के प्रति इच्छा घट जाती है और उनमें उत्तेजना का अभाव होने लगता है। इस कारण मधुमेह के रोगियों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता और संख्या पर असर पड़ता है।

यदि आप डायबिटीज से पीड़ित रोगी हैं और आपको इन मुद्दों से जुड़े कुछ लक्षण दिखाई दें तो संपर्क जरूर करें और अपनी जांच अवश्य करा लें।

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