आज के इस दौर में कम्प्यूटर व मोबाइल हमारी जिन्दगी का अहम् हिस्सा बन गये हैं जिसके बगैर इंसान इंसान जीने की कल्पना भी नहीं कर सकता है। लेकिन यही लत उसे कई तरह की समस्याओं का शिकार बना देती है। क्योंकि लंबे समय तक ऑफिसों में कम्प्यूटर पर काम करने से और वहीं दिनभर लगातार मोबाइल स्क्रीन पर लगे रहने से आपकी मानसिक और शारीरिक रूप से समस्या आने लगे तो इसको साइबरसिकनेस के लक्षण समझे जाते हैं। इसको ’वर्चुअल रियल्टी सिकनेस’ भी कहा जाता है। जब व्यक्ति कम्प्यूटर व मोबाइल की स्क्रीन के सामने होता है तो उस दौरान उसका शरीर स्थिर तो रहता है लेकिन उसका दिमाग स्क्रीन पर सब चीज़ों को तेजी से चलते हुये महसूस करता रहता है। जिस कारण उसे चक्कर आने जैसी समस्या होने लगती है। एक शोध में यह बात सामने आई है कि हर वर्ग के लगभग 70 प्रतिशत लोगों को वर्चुअल रियल्टी सिकनेस की समस्या से गुजरना पड़ता है।
लक्षण
इस रोग में व्यक्ति को अनेक दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। ऐसे कुछ लक्षणों के माध्यम से हम यह अनुमान लगा सकते हैं व्यक्ति वर्चुअल रियल्टी सिकनेस का शिकार हो गया है। इस रोग में व्यक्ति के सिरदर्द होना, चक्कर आना, आंखों में जलन होना, कमजोरी महसूस होना और शरीर से लगातार पसीना निकलना, किसी भी काम में मन न लगना या उस पर ध्यान केन्द्रित न कर पाना तथा नींद न आने की समस्या से दिनभर स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहना आदि समस्या बनी रहती है।
दिक्कतें
रोग कोई सा भी हो इंसान को उसे रोग से जुड़ी दिक्कतों का सामना तो करना ही पड़ता है। वहीं विशेषज्ञों के अनुसार वर्चुअल रियल्टी की सिकनेस की समस्या पर्याप्त नींद व भोजन न लेने की वजह से बढ़ती है। इस स्थिति में व्यक्ति को कम्प्यूटर व मोबाइल की स्क्रीन देखते ही तनाव महसूस होने लगता है।
करें बचाव
कम्प्यूटर व मोबाइल स्क्रीन के सामने लगातार बैठने से बचे और काम के दौरान बीच बीच में ब्रेक जरूर देते रहें। जब कभी भी आप कम्प्यूटर व मोबाइल स्क्रीन के सामने बैठें उस दौरान आप आंखों को झपकाते रहें ताकि आपकी आंखों को आराम मिल सके। चक्कर आने की स्थिति में आपको कुछ मीठा खा लें और अपने शरीर को आराम दें। चेहरे पर थोड़े थोड़े समय में ठंडे पानी का छपाका लगाने से आंखों में जलन व थकान मिटाने का सबसे बेहतरीन तरीका है।
किये गये एक रिसर्च में यह बात साबित हो गई है कि लगार स्क्रीन पर तेजी से विंडो बदलने व गेम्स इत्यादि खेलने के दौरान मांसपेशियां व कान का पर्दा इस चीज़ों को महसूस करने लगते हैं। परंतु आंतरिक गतिविधि व्यक्ति को बाहरी रूप से महसूस नहीं हो पाती और जिस वजह से व्यक्ति का दिमाग प्रभावित होने के कारण सिरदर्द, चक्कर व उल्टी आने जैसी परेशानियां आने लगती हैं।
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